सरकार और किसान नेताओं की बातचीत बेनतीजा, 3 को फिर बैठक, जानें आज क्या-क्या हुआ

सरकार और किसान नेताओं की बातचीत बेनतीजा, 3 को फिर बैठक, जानें आज क्या-क्या हुआ
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नई दिल्ली
नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के 35 प्रतिनिधियों से केंद्रीय मंत्रियों की ताजा बातचीत बेनतीजा रही है। दिल्ली में विज्ञान भवन में 3 घंटे से ज्यादा वक्त तक चली बैठक में बात नहीं बनी। हालांकि, सरकार और किसान दोनों ने ही बातचीत को अच्छी बताया है। अब 3 दिसंबर को अगले चरण की बातचीत होगी। केंद्र ने नए कृषि कानूनों पर विचार के लिए किसान संगठनों, कृषि विशेषज्ञों और सरकार के प्रतिनिधियों की एक समिति बनाने का प्रस्ताव दिया है। सरकार ने किसानों से आंदोलन वापस लेने की अपील की है। लेकिन किसानों ने स्पष्ट किया है कि आंदोलन जारी रहेगा।

बैठक के दौरान क्या-क्या हुआ
बैठक में किसानों की तरफ से कृषि संगठनों के 35 प्रतिनिधि शामिल हुए। सरकार की तरफ से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश शामिल हुए। बैठक के दौरान सरकार की तरफ से किसान नेताओं को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और एग्रीकल्चरल प्रड्यूस मार्केट कमिटी (APMC) ऐक्ट पर डीटेल प्रेजेंटेशन दिखाया। प्रेजेंटेशन के जरिए सरकार ने किसानों को आश्वस्त करने की कोशिश की कि नए कानूनों से उनको ही फायदा मिलेगा और एमएसपी की व्यवस्था जारी रहेगी।

‘सरकार से कुछ तो लेकर रहेंगे- गोली या फिर शांतिपूर्ण हल’
मीटिंग के बाद किसानों के डेलिगेशन में शामिल रहे चंदा सिंह ने दो टूक कहा कि आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा, ‘कृषि कानूनों के खिलाफ हमारा आंदोलन जारी रहेगा और हम निश्चित तौर पर सरकार से कुछ हासिल करके रहेंगे, वह चाहे बंदूक की गोलियां हों या शांतिपूर्ण समाधान। हम आगे की बातचीत के लिए वापस आएंगे।’

मीटिंग के बाद क्या बोले किसान नेता
मीटिंग खत्म होने के बाद भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्रहण) के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उग्रहण ने बताया कि बातचीत बेनतीजा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने 3 दिसंबर को एक और बैठक बुलाई है।

बातचीत अच्छी रही, कुछ प्रगति हुई: किसान नेता
मीटिंग में शामिल रहे ऑल इंडिया किसान फेडरेशन के प्रमुख प्रेम सिंह भंगु ने कहा कि बातचीत अच्छी रही और कुछ प्रगति हुई है। उन्होंने कहा, ‘आज की बैठक अच्छी रही और कुछ प्रगति हुई है। सरकार के साथ 3 दिसंबर को अगले दौर की बातचीत के दौरान हम उन्हें भरोसा दिलाएंगे कि कृषि कानून का कोई भी प्रावधान किसानों के हित में नहीं है। हमारा आंदोलन जारी रहेगा।’

सरकार भी बोली- अच्छी रही मीटिंग
किसान नेताओं के साथ बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि बातचीत अच्छी रही। उन्होंने कहा कि हमने 3 दिसंबर को फिर बातचीत का फैसला किया। तोमर ने कहा, ‘हम चाहते थे कि एक छोटा समूह गठित हो लेकिन किसान नेता चाहते थे कि सभी से बातचीत होनी चाहिए। हमें इससे कोई समस्या नहीं है।’

सरकार ने फिर की आंदोलन वापस लेने की अपील
बातचीत के दौरान सरकार ने फिर किसान नेताओं से आंदोलन वापस लेने की अपील की। नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया, ‘हम किसानों से आंदोलन सस्पेंड कर बातचीत के लिए आने की अपील करते हैं। हालांकि, यह फैसला किसान संघों और किसानों पर निर्भर करेगा।’

सरकार ने दिया समिति बनाने का प्रस्ताव
बैठक के दौरान सरकार ने कृषि कानूनों पर चर्चा के लिए एक समिति बनाने का प्रस्ताव दिया। सरकार ने समिति के लिए किसान नेताओं से अपने में से 4-5 लोगों का नाम देने को कहा। उसमें कृषि विशेषज्ञों के साथ-साथ सरकार के भी प्रतिनिधि शामिल होंगे। हालांकि, इस पर सहमति नहीं बन पाई।

चाय के ऑफर पर किसान नेता का दिलचस्प जवाब
मीटिंग के दौरान जब टी ब्रेक हुआ तब मंत्रियों की तरफ से किसान नेताओं से भी साथ में चाय पीने का आग्रह किया गया। किसान नेताओं ने इसे ठुकरा दिया। एक किसान नेता ने तो मंत्रियों से ही पेशकश कर दी कि आप लोग सिंघु बॉर्डर पर हमारे बीच आइए, चाय क्या लंगर भी छका जाएगा।

साभार : नवभारत टाइम्स

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