चीन जाने पर गिरफ्तारी का खतरा…अमेरिका-ब्रिटेन ने अपने नागरिकों को दी चेतावनी
के खिलाफ अमेरिका और ब्रिटेन अब आर-पार लड़ाई की मूड में देखाई दे रहे हैं। मंगलवार को दोनों देशों ने एक साथ चीन के खिलाफ ट्रैवल एडवाइजरी जारी की। दोनों देशों ने अपने-अपने नागरिकों को चीन और हॉन्ग कॉन्ग की यात्रा करने को लेकर चेतावनी दी है। अमेरिका और ब्रिटेन ने अपने नागरिकों से कहा है कि अगर वह चीन या हॉन्ग कॉन्ग की यात्रा करते हैं तो उनपर मनमाने तरीके से हिरासत में लिए जाने और मनमाने तरीके से स्थानीय कानून थोपे जाने का खतरा है।
चीन का ब्रिटेन और अमेरिका से बढ़ेगा तनाव
नई ट्रैवल एडवाइजरी से चीन का ब्रिटेन और अमेरिका से तनाव का बढ़ना तय माना जा रहा है। हाल में ही अमेरिका ने चीनी छात्रों और नागरिकों के लिए वीजा नियमों को कड़ा कर दिया है। चीनी सरकार के मुताबिक, अमेरिका ने इस साल जुलाई में केवल 145 चीनी छाज्ञों को ही वीजा जारी किया है। यह पिछले साल जुलाई की तुलना में केवल 0.7 फीसदी ही है।
स्थानीय कानूनों के चक्कर में फंसा सकता है चीन
नई एडवाइजरी में अमेरिकी नागरिकों को चेतावनी दी गई है कि चीन जांचकर्ताओं से सहयोग करने को मजबूर करने के लिए मनमाने तरीके से हिरासत में ले सकता है। इसके अलावा अमेरिका और ब्रिटेन के लोगों पर बाहर जाने पर भी प्रतिबंधित लग सकता है। विदेश से परिवार के सदस्यों को चीन लौटने के लिए दबाव डाल सकता है और दीवानी विवादों को प्रभावित कर सकता है।
विदेशी लोगों को हिरासत में लिए जाने का डर
परामर्श में कहा गया है कि चीन या हॉन्ग कॉन्ग में रहने वाले या वहां की यात्रा पर जाने वाले अमेरिकी नागरिकों को वह हिरासत में ले सकता है और ना उन्हें राजनयिक पहुंच देगा और न ही उनके कथित अपराध के बारे में कोई सूचना देगा। अमेरिकी नागरिकों से लंबे समय तक पूछताछ की जा सकती है और बिना कानूनी प्रक्रिया के उनकी हिरासत को बढाया जा सकता है। परामर्श में कहा गया है कि हांगकांग में चीन एकतरफा और मनमाने ढंग से पुलिस और सुरक्षा शक्तियों का प्रयोग कर सकता है।
कई देशों के नागरिकों को चीन ने किया गिरफ्तार
हाल के महीनों में चीन ने कनाडाई, ऑस्ट्रेलियाई, जापानी नागरिकों को हिरासत में लिया है। इन लोगों में से कई पर ड्रग्स, सीक्रेट डेटा चुराने का मनगढ़ंत आरोप भी लगाए गए हैं। ऐसे में ब्रिटेन और अमेरिका को भी अपने नागरिकों को परेशान किए जाने का डर सता रहा है।