नोटबंदी पर उर्जित पटेल के बचाव में उतरे मनमोहन सिंह

नोटबंदी पर उर्जित पटेल के बचाव में उतरे मनमोहन सिंह
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नयी दिल्ली : नोटबंदी को लेकर हो रही देश में विखंडनकारी राजनीति के बाद बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल के बचाव में उतर गये हैं. बुधवार को नोटबंदी के बाद देश में उपजे नकदी संकट को लेकर रिजर्व बैंक के वित्तीय मामलों की स्थायी समिति के सामने पेश हुए थे, जिसमें नकदी संकट से निपटने में बैंकों की नाकामी पर पूछे जा रहे सवालों के बीच पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि बैंकिंग व्यवस्था को लेकर पूछे जाने वाले सवालों का जवाब देने की जरूरत नहीं है. दरअसल, वित्तीय मामलों की स्थायी समिति के सदस्यों ने रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल से नोटबंदी को लेकर सवाल किया था.

सूत्रों के मुताबिक, बैठक के दौरान जब रिजर्व बैंक के गवर्नर से बैंकों से रकम निकासी की सीमा हटाने को लेकर सवाल पूछा गया, तो वहां मौजूद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि इस सवाल का जवाब देना जरूरी नहीं है. संसदीय समिति के सामने वित्त मंत्रालय के बड़े अधिकारी भी पेश हुए. सांसदों ने उन्हें नोटबंदी से जुड़े सवालों की एक लंबी सूची सौंप दी. अब नोटबंदी के नफा-नुकसान का आंकलन कर रही संसदीय समिति के सामने रिजर्व बैंक के गवर्नर और वित्त मंत्रालय के अधिकारियों को दोबारा पेश होना पड़ सकता है. शुक्रवार को उर्जित पटेल केवी थॉमस के नेतृत्व वाली लोक लेखा समिति (पीएसी) के समक्ष भी पेश हो सकते हैं. थॉमस ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि अगर जरूरत हुई, तो नोटबंदी के मुद्दे पर सफाई देने के लिएप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी समन किया जा सकता है. इस बयान के खिलाफ भाजपा ने लोकसभा अध्यक्ष से शिकायत कर थॉमस के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

नोटबंदी पर हो रही रिजर्व बैंक की किरकरी

देश में रिजर्व बैंक की इस बात पर आलोचना हो रही है कि उसने नोटबंदी को लेकर उसने पहले से जरूरत के हिसाब से तैयारियां नहीं की थी. उसने अपनी स्वायत्तता से समझौता किया. नोटबंदी के बाद देश में भीषण नकदी संकट की स्थिति पैदा हो गयी. बैंकों और एटीएम के बाहर लंबी कतारें लगती रहीं. एटीएम मशीनों को नये नोटों के हिसाब से कैलिब्रेट करने में भी काफी समय लगा. नोटबंदी के बाद पैसे निकालने की सीमा भी कई बार बदली गयी. वहीं, चर्चा इस बात की भी की जा रही है कि रिजर्व बैंक ने अब तक यह जानकारी नहीं दी है कि 15.44 लाख करोड़ रुपये के प्रतिबंधित नोटों में से कितनी रकम बैंकों में वापस आयी है.

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