चीन के साथ जैविक हथियार? पाक ने दी सफाई

चीन के साथ जैविक हथियार? पाक ने दी सफाई
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इस्लामाबाद
पाकिस्तान ने चीन के साथ जैविक हथियारों को विकसित करने को लेकर की गई डील से जुड़ी खबरों को सिरे से खारिज कर दिया है। पाकिस्तानी विदेश विभाग ने कहा है कि उसने चीन के साथ ऐसी कोई डील नहीं की है। उल्लेखनीय है कि ऑस्ट्रेलिया के खोजी अखबार क्लेक्सन में 23 जुलाई को प्रकाशित खबर में कहा गया था कि वुहान स्थित विषाणु विज्ञान प्रयोगशाला ने पाकिस्तान के सैन्य रक्षा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संगठन (डीईएसटीओ) के साथ तीन साल के लिए करार किया है, जिसके तहत सामने आने वाले संक्रामक रोगों पर मिलकर शोध किया जाएगा।

पाक बोला- रिपोर्ट राजनीति से प्रेरित
रविवार को एक बयान में पाकिस्तानी विदेश विभाग ने दावा किया कि यह रिपोर्ट राजनीति से प्रेरित और गलत है। इसमें तथ्यों को तोड़मरोड़ कर पेश किया गया है जबकि पूरी कहानी अज्ञात सूत्रों के हवाले से लिखी गई है। मंत्रालय ने दावा किया कि पाकिस्तान की बायो-सेफ्टी लेवल -3 (BSL-3) प्रयोगशाला के बारे में कुछ भी गुप्त नहीं है।

क्या लिखा था रिपोर्ट में?
23 जुलाई को प्रकाशित एक लेख में ऑस्ट्रेलिया के खोजी समाचार पत्र द क्लैक्सन ने कहा था कि पाकिस्तान और चीन ने जैविक हथियारों की क्षमता का विस्तार करने के लिए तीन साल के लिए एक सीक्रेट समझौते किया है। इस रिपोर्ट में ऐंथनी क्लैन ने कहा है कि वुहान लैब ने पाकिस्तान की मिलिट्री डिफेंस साइंस ऐंड टेक्नॉलजी ऑर्गनाइजेशन के साथ उभरती संक्रामक बीमारियों पर रिसर्च और संक्रामक बीमारियों के जैविक नियंत्रण के लिए समझौता किया है।

दुनिया के सवालों से बचने की कोशिश
द क्लैक्सन के मुताबिक चीन अपनी सीमा से बाहर ऐसे प्रॉजेक्ट करना चाहता है ताकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के निशाने पर आने से बच सके। वुहान लैब ने वित्तीय और साइंटिफिक रिपोर्ट भी दी है और सामान भी दिया है। प्रोग्राम को चीन पूरी तरह से फंड कर रहा है। सीक्रेट प्रॉजेक्ट को आम यूनिवर्सिटीज या सरकारी स्वास्थ्य विभाग से हटा दिया गया ताकि अपने मन से काम किया जा सके।

भारत के खिलाफ साजिश?
वहीं एक एक्सपर्ट ने यह भी दावा किया है कि भारतीय और पश्चिमी इंटेलिजेंस एजेंसियों का मानना है कि चीन इस प्रॉजेक्ट से इसलिए जुड़ा है ताकि भारत और पाकिस्तान को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा किया जा सके। चीन यह भी चाहता है कि खतरनाक बायो केमिकल रिसर्च के लिए पाकिस्तान को केंद्र की तरह पेश कर सके और खिद किसी आलोचना से बच सके।

घातक बैक्टीरिया पर काम
एक सीनियर इंटेलिजेंस सूत्र के मुताबिक DESTO बायॉलजिकल हथियारों के प्रोग्राम के तहत ऐंथ्रैक्स (Anthrax) से जुड़े रिसर्च प्रॉजेक्ट में शामिल रहा है। Anthrax को एक बायॉलजिकल वॉरफेयर एजेंट माना जाता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन और पाकिस्तान ने Bacillus Thuringienesis को आइसोलेट करने का सफल टेस्ट किया है जो Bacillus Anthracis यानी Anthrax से मिलता-जुलता है। सूत्र के मुताबिक BT और Anthrax के बीच समानता को देखते हुए यह माना जा सकता है कि पाकिस्तान की इस बैक्टीरिया को लेकर जानकारी से घातक बायॉलजिकल प्रोग्राम को मजबूती मिल सकती है।

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