पेइचिंग में भी हलचल, चीन-भारत में अहम बैठक

पेइचिंग में भी हलचल, चीन-भारत में अहम बैठक
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पेइचिंग
लद्दाख में भारतीय और चीनी सेना के बीच सोमवार को हुए हिंसक संघर्ष के बाद पैदा हुए तनाव के बीच चीन में तैनात भारतीय राजदूत ने चीन के उप विदेश मंत्री से मुलाकात की है। माना जा रहा है कि इस मुलाकात के दौरान सीमा पर पैदा हुए ताजा हालात को लेकर चर्चा की गई। भारतीय राजदूत विक्रम मिस्री और चीनी उप विदेश मंत्री लाउ झाओहुई के बीच हुई बैठक को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं आई है।

चीन ने भारत पर लगाया उकसाने का आरोप
पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने सोमवार को गलवान घाटी में हुए संघर्ष का ठीकड़ा भारत के ऊपर फोड़ते हुए कहा है कि भारतीय सेना किसी भी प्रकार के उकसावे की कार्रवाई से बचे। इतना ही नहीं, चीनी सेना ने आरोप लगाया कि भारतीय सैनिकों ने 15 जून को दो बार अवैध गतिविधियों के लिए सीमा रेखा लांघी और चीन के सैनिकों को उकसाया। बता दें कि इस झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित तीन जवान शहीद हो गए, जबकि चीनी पक्ष को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा।

चीन ने गलवान घाटी को अपना बताया
पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) पश्चिमी थिएटर कमांड के प्रवक्ता कर्नल झांग शुइली ने कहा कि चीनी सेना ने गलवान घाटी पर अपना दावा करते हुए कहा कि वह उस क्षेत्र की संप्रभुता का रक्षक है। उसने भारतीय सेना पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसने दोनों देशों के समझौते का उल्लंघन किया। चीन ने कहा कि भारतीय सेना ने कमांडर स्तर वार्ता के दौरान बनी सहमति और आपसी संबंधों को नुकसान पहुंचाया।

आरोप- भारतीय सैनिकों ने किया उल्लंघन
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिनजियान ने सीमा पर भारतीय सैनिकों के शहीद होने की खबर के बारे में पूछे जाने पर कहा कि आप जो सूचना दे रहे हैं उसके बारे में मुझे जानकारी नहीं है। झाओ ने कहा कि हमारे सैनिकों की उच्चस्तरीय बैठक हुई थी और सीमा पर स्थिति को सामान्य बनाने के बारे में महत्वपूर्ण सहमति बनी थी लेकिन आश्चर्यजनक रूप से 15 जून को भारतीय सैनिकों ने हमारी सहमति का गंभीर रूप से उल्लंघन किया और अवैध गतिविधियों के लिए दो बार सीमा रेखा लांघी और चीन के कर्मियों को उकसाया एवं उन पर हमले किए जिससे दोनों पक्षों के बीच गंभीर रूप से मारपीट हुई। चीन ने भारतीय पक्ष से कड़ा विरोध दर्ज कराया है।

चीन ने एकतरफा कदम नहीं उठाने को कहा
प्रवक्ता ने कहा कि हम एक बार फिर भारतीय पक्ष से कहते हैं कि सहमति का पालन करें, अग्रिम मोर्चे के अपने सैनिकों पर कड़ाई से नियंत्रण करें और रेखा नहीं लांघें, समस्या पैदा नहीं करें या एकतरफा कदम नहीं उठाएं जिससे मामला जटिल बन जाए। झाओ ने कहा कि दोनों पक्ष वार्ता और विचार-विमर्श के माध्यम से मुद्दे के समाधान, स्थिति को सामान्य बनाने के प्रयास पर सहमत हुए और सीमावर्ती क्षेत्र मे शांति एवं सुरक्षा बनाए रखने पर रजामंदी दी।

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