सरकार व्‍यावसायिक कोयला खनन के लिए 18 जून 2020 को नीलामी शुरू करेगी

सरकार व्‍यावसायिक कोयला खनन के लिए 18 जून 2020 को नीलामी शुरू करेगी
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नई दिल्ली : सरकार व्‍यावसायिक खनन के लिए 18 जून, 2020 को “कोयले को खोल देना: आत्‍मनिर्भर भारत के लिए नई उम्‍मीदें” शीर्षक से कोयला खानों की नीलामी शुरू करेगी। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी इसकी शुरुआत पर नई दिल्‍ली में वर्चुअली आयोजित कार्यक्रम में मुख्‍य अतिथि के रूप में शोभा बढ़ाएंगे।

केन्‍द्रीय कोयला और खान मंत्री प्रलहाद जोशी ने आज ट्वीट किया “हम 18 जून को देश में कोयले की पहली व्‍यावसायिक नीलामी की शुरुआत करने जा रहे हैं। इस कार्यक्रम की प्रधानमंत्री @नरेन्‍द्र मोदीजी शोभा बढ़ाएंगे। कोयले में #आत्‍मनिर्भर भारत की यह उनकी संकल्‍पना और मार्गदर्शन है। मुझे गर्व है हम उसे हासिल करने के रास्‍ते पर हैं।

यह एक ऐतिहासिक दिन होगा जब भारतीय कोयला क्षेत्र नई ऊंचाइयों को छूने के लिए प्रतिबंधों की बेडि़यों से मुक्त होगा।

जैसा कि हाल ही में भारत ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी और निर्णायक नेतृत्व ने आत्‍मनिर्भर अभियान को गले से लगाया है, कोयला और खनन क्षेत्र ने कोयला क्षेत्र में ढांचागत सुधारों के माध्यम से देश को आत्‍मनिर्भर (कोयला सुधारों में आत्मनिर्भर) बनाने के लिए कमर कस ली है।

व्‍यावसायिक कोयला खनन की नीलामी प्रतिबंधित क्षेत्रों, उपयोग और मूल्‍य की पूर्व की शासन पद्धति से पूरी तरह से अलग है। अब इस तरह के प्रतिबंध बिल्कुल नहीं हैं। प्रस्तावित नीलामियों में नियम और शर्तें हैं जो बहुत उदार हैं, जो नई कंपनियों को बोली प्रक्रिया में भाग लेने, अग्रिम राशि को कम करने, रॉयल्टी के खिलाफ अग्रिम राशि के समायोजन, कोयला खदानों के संचालन के लिए लचीलेपन को प्रोत्साहित करने के लिए उदार दक्षता मानकों, पारदर्शी बोली प्रक्रिया, स्वचालित मार्ग के जरिये 100% एफडीआई की अनुमति और राष्ट्रीय कोयला सूचकांक पर आधारित उचित वित्तीय शर्तों और मुनाफे को साझा करने के मॉडल की अनुमति देते हैं। सफल बोलीदाताओं को अतीत के विपरीत कोयला उत्पादन में लचीलापन होगा और प्रारंभिक उत्पादन और कोयला गैसीकरण के लिए प्रोत्साहन का प्रावधान होगा।

कोयला खदानों की नीलामी प्रक्रिया अतिरिक्त कोयले का उत्पादन करके बड़े पैमाने पर रोजगार और कोयला क्षेत्र में निवेश के भारी अवसर प्रदान करके देश में ऊर्जा सुरक्षा की मजबूत आधारशिला रखेगी। ये प्रयास वित्त वर्ष 23-24 में कोल इंडिया से अतिरिक्‍त 01 बिलियन टन कोयला उत्पादन की संभावना को पूरा करेंगे और घरेलू ताप कोयले की आवश्यकता को पूरा करेंगे।

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