कोरोना: इंसानों पर क्लिनिकल ट्रायल करेगी कंपनी

कोरोना: इंसानों पर क्लिनिकल ट्रायल करेगी कंपनी
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सिंगापुर
सिंगापुर की एक बायोटेक कंपनी COVID-19 के लिए संभावित मोनोक्लोनल ऐंटीबॉडी ट्रीटमेंट पर क्लिनिकल ट्रायल शुरू करेगी। उम्मीद है कि इस ट्रीटमेंट से मरीजों में बीमारी फैलने की रफ्तार कम होगी और तेजी से ठीक होने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही इन्फेक्शन से अस्थायी तौर पर बचाव भी होगा। कंपनी Tychan ने बुधवार को एक बयान में कहा है कि ट्रायल के पहले चरण के लिए सिंगापुर के स्वास्थ्य विज्ञान प्राधिकरण (एचएसए) से उसे इजाजत मिल गई है।

पहले चरण में स्वस्थ लोगों पर इस ट्रीटमेंट को आजमाया जाएगा। कंपनी ने मोनोक्लोनल ऐंटीबॉडी TY027 को विकसित किया है जो कि खास तौर पर SARS-CoV-2 को निशाना बनाता है। इसी कोरोना वायरस के कारण COVID-19 का इन्फेक्शन हुआ है। शरीर में इन्फेक्शन से लड़ने के लिए ऐंटीबॉडी बनते हैं। मोनोक्लोनल ऐंटीबॉडी नैचरल ऐंटीबॉडी को कॉपी करते हैं और इन्हें अलग कर मरीजों में बीमारी के ट्रीटमेंट के लिए बड़े पैमाने पर इनका उत्पादन किया जा सकता है।

दुनियाभर में ऐंटीबॉडी ट्रीटमेंट पर हो रहा है काम
Tychan ने कहा कि वर्तमान में COVID-19 के ट्रीटमेंट के लिए कोई प्रमाणित ऐंटीबॉडी नहीं है । SARS-CoV-2 इन्फेक्शन को रोकने के लिए भी कोई टीका नहीं है। Tychan सिंगापुर में इंसानों पर क्लिनिकल ट्रायल शुरू करने वाली पहली कंपनी बन सकती है। हालांकि, दुनियाभर में ऐंटीबॉडी आधारित ट्रीटमेंट की दिशा में प्रयास हो रहा है। चैनल न्यूज एशिया के मुताबिक इस तरह के ट्रीटमेंट के लिए क्लिनिकल ट्रायल को लेकर केवल Tychan ने ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पंजीकरण कराया है।

इन्फेक्शन रोकने, इलाज में भी मदद
नैशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर के प्रफेसर और कंपनी के सह-संस्थापक ओई इंग ओंग ने कहा कि परीक्षण के परिणाम के आधार पर विभिन्न तरीके से इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। प्रोफेसर ओई ने कहा, ‘COVID-19 के सभी मरीजों के ट्रीटमेंट और गंभीर बीमारी को रोकने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोगों पर भी इसे आजमाया जा सकता है और सांस संबंधी परेशानी को बढ़ने से रोक सकते हैं।’

…तो नहीं पड़ेगी वेंटिलेटर की जरूरत
उन्होंने इस दवा के बारे में बताया कि जिन लोगों को पहले से ही ऑक्सिजन की जरूरत है, उनके लिए उम्मीद है कि इस दवा से उन्हें वेंटिलेटर की जरूरत नहीं पड़ेगी। जो मरीज पहले से वेंटिलेटर पर हैं, उनको वेंटिलेटर की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्होंने कहा, ‘अगर ट्रीटमेंट COVID-19 के लिए कारगर रहा तो हम काफी कुछ बदल सकते हैं। आज जिन समस्याओं का हम सामना कर रहे हैं, उससे निजात मिल सकेगी।’

कम होगा मौत का आंकड़ा
साथ ही उन्होंने कहा कि बेहद गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोगों को ऑक्सिजन और वेंटिलेटर की सहायता की जरूरत पड़ेगी। इसके बिना उनकी मौत हो जाएगी। ओई ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि इस ट्रीटमेंट से गंभीर रूप से बीमार हो रहे लोगों की संख्या कम होगी और COVID-19 से मरने वालों की संख्या भी घटेगी।’ Tychan ने कहा है कि दवा से इसका भी आकलन होगा कि SARS-CoV-2 के इन्फेक्शन के खिलाफ अस्थायी बचाव में क्या यह कारगर है।

Tychan ने कहा कि 23 स्वस्थ लोगों के खून में मोनोक्लोनल ऐंटीबॉडी की खुराक दी जाएगी और शोध करने वाली टीम सुरक्षा का आकलन करेगी। सिंग हेल्थ इन्वेस्टिगेशनल मेडिसिन यूनिट में पहले चरण का परीक्षण छह सप्ताह तक चलेगा।

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