घर जैसा माहौल भा रहा प्रवासी श्रमिकों को क्वॉरेंटाईन सेंटर में गर्भवती महिलाओं की हो रही विशेष देखभाल
रायपुर : कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए बाहर से आये प्रवासी श्रमिकों को कोरबा जिले के बड़मार क्वॉरेंटाईन सेंटर में हरियाणा, राजस्थान एवं ओड़िसा से आये 84 प्रवासी श्रमिकों को ठहराया गया है। सभी प्रवासी श्रमिक करतला ब्लॉक के अलग-अलग गांव उमरेली, पहाड़गांव, बुंदेली, टुण्डा आदि के मूल निवासी हैं। जिले में वापस आए प्रवासी श्रमिकों को शासन के द्वारा 14 दिन की क्वॉरेंटाईन अवधि में कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत बड़मार क्वारेंटाइन सेंटर में ठहराया गया है। इस क्वॉरेंटाईन सेंटर में ठहरे हुए श्रमिकों को घर जैसा माहौल मुहैया कराया गया है। क्वॉरेंटाईन सेंटर की उत्तम व्यवस्था से अभिभूत होकर प्रवासी श्रमिक महिलाएं मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और राज्य सरकार को धन्यवाद देते हुए उपलब्ध सुविधाओं की सरहाना कर रहीं हैं।
कोरोना वायरस के कारण लागू लॉक डाउन में अपने घर वापसी के लिए पैदल चलते हुए सुनीता को यह चिंता थी कि इस विकट परिस्थिति में पेट में पल रहे नन्ही सी जान की देखभाल कैसे होगी। करतला के बड़मार क्वॉरेंटाईन सेंटर में पहुंचते ही उसकी सुरक्षा संबंधी सवालों का समाधान हो गया। सुनीता को इस सेंटर में आने के बाद एक सुखद अहसास हुआ कि इतने दिनों तक बाहरी राज्य में भटकने के बाद अपने प्रदेश की छाया में रहने का मौका मिल रहा है। सुनीता की खुशी उस समय दोगुनी हो गई जब गर्भवती होने की जानकारी मिलते ही क्वॉरेंटाईन सेंटर के प्रभारी ने अपनी विशेष देख-रेख में उसकी स्वास्थ्य परीक्षण कर जरूरी दवाईयां, पौष्टिक आहार की व्यवस्था प्राथमिकता सें की है। साथ ही साथ सुनीता के लिए टीकाकरण की भी व्यवस्था की गई। क्वारेंटाइन सेंटर में गर्भवती सुनीता की हो रही देखभाल से सुनीता ही नहीं सेंटर में ठहरे अन्य लोग भी बेहद सुखद अनुभव कर रहे हैं। ऐसा ही सुखद अनुभव रीवांबहार के निवासी श्री जितेन्द्र मिरी ने सेंटर मिल रही सुविधाओं ओर खाने-पीने की व्यवस्था को घर की व्यवस्था से बेहतर और सुविधाजनक बताया हैं।
बड़मार क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे सभी बच्चों के मनोरंजन और उनके स्वास्थ्य का भी पूरा ध्यान प्रशासन द्वारा रखा जा रहा है। मां-बाप के साथ सेंटर में रह रहे चार वर्षीय तारा और राकेश की आंखें खुशी से उस समय प्रफुल्लित हो गई जब उन्हें पढ़ने को किताब और चित्रकारी करने को रंगीन पेंसिल मिली। सेंटर में रहने वाले सभी 16 बच्चों को मनोरंजन के साथ ही चित्रकारी सिखाने के लिए कलर पेंसिल के साथ-साथ ज्ञानवर्धक पुस्तकें भी दी गई है। बच्चे बड़े ही उत्साह और आनंद के साथ चित्रकारी व खेलकर अपना समय खुशी-खुशी व्यतीत कर रहे हैं।
इसी सेंटर में ठहराये गये सभी प्रवासी श्रमिकों की खान-पान की उत्तम व्यवस्था के साथ-साथ महिलाओं की सुरक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता और गरिमा संबंधी ख्याल भी रखा जा रहा है। यहां पर महिलाओं के लिए अलग से शौचालय की व्यवस्था है, जहां पानी की सप्लाई 24 घंटे हो रही है। महिलाओं की स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए सभी किशोरी बालिकाओं और महिलाओं को सेनेटरी नेपकिन प्रदान की जा रही है और महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा इन्हें समय-समय पर जरूरी सलाह एवं आवश्यक जानकारियां दी जा रही है। इसी प्रकार रीवांबहार की श्रीमती तुलसी देवी बताती हैं कि क्वॉरेंटाईन सेंटर में सभी का अच्छे से ख्याल रखा जा रहा है। किसी भी प्रकार की समस्या होने पर प्रभारी अधिकारी उनकी परेशानियों को तत्काल निराकरण कर रहे हैं।
क्वॉरेंटाईन सेंटर में बिजली की आपूर्ति 24 घंटे बनी रहे इसके लिए विद्युत जनरेटर की भी व्यवस्था की गई है। 24 घंटे पानी और बिजली की आपूर्ति के साथ-साथ सभी श्रमिकों की नियमित जांच कर उन्हें सर्दी, बुखार, दर्द जैसे सामान्य बीमारियों का तुरंत ईलाज कर दवाईयां भी दी जा रही हैं। उल्लेखनीय है कि जहां नियमित स्वास्थ्य जांच के साथ रहने, खाने-पीने की सभी सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।