US: टैंक उतारकर संदेश देना चाहते थे ट्रंप
अमेरिका में विरोध प्रदर्शनों के दौरान फैली हिंसा से निपटने के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सड़कों पर टैंक उतारने वाले थे। डिफेंस अधिकारियों के मुताबिक ट्रंप वॉशिंगटन में आक्रामक कार्रवाई के जरिए पूरे देश में संदेश देना चाहते थे। पेंटागन के दो अधिकारियों ने बताया है कि राष्ट्रपति ने मिलिट्री के एयरक्राफ्ट्स को राजधानी के ऊपर से गुजरने के लिए कहा था ताकि प्रदर्शनकारियों को ताकत दिखाई जा सके। सोशल मीडिया पर भी ऐसे फोटो देखे गए जिनमें हेलिकॉप्टर इमारतों और कर्फ्यू का उल्लंघन कर सड़कों पर उतरे लोगों के ऊपर से निकले।
इस दौरान जमीन पर आंसू गैस, पेलेट गन और केमिकल स्प्रे का इस्तेमाल किया गया। इसका विपक्षी डेमोक्रैटिक पार्टी के जो बाइडेन के साथ-साथ रिपब्लिकन नेताओं ने भी विरोध किया। ऐसे मिशन तब किए जाते हैं जब उकसाए जाने पर कॉम्बैट जोन में दुश्मन सेना को मिलिट्री की ताकत दिखानी हो। द डेली बीस्ट को तीन सीनियर डिफेंस अधिकारियों ने बताया कि मिलिट्री का इस्तेमाल करने के लिए पेंटागन से नहीं, वाइट हाउस से कहा जा रहा था।
वहीं, मंगलवार रात को वॉशिंगटन के पास मिलिट्री बेस 700 सैनिक दंगों से निपटने के लिए जरूरी यूनिफॉर्म में थे और उनके पास संगीनें बी थीं। 1400 सैनिक निकलने के लिए तैयार थे। सेना की 82वीं एयरबोर्न डिविजन को भी बुलाया गया था। अश्वेत अमेरिकन George Floyd की मौत के खिलाफ हिंसक प्रदर्शनों की आग अमेरिका (America Riots) के 140 शहरों तक पहुंच गई है। इसे देश में पिछले कई दशकों में सबसे खराब नागरिक अशांति माना जा रहा है।
हिंसा से बिगड़ते हालात के मद्देनजर ट्रंप प्रशासन ने देश के 24 राज्यों में नैशनल गार्ड के करीब 17,000 सैनिकों की तैनाती कर दी है। वाइट हाउस (White House) की प्रेस सचिव कैली मैकनैनी ने बताया कि 24 राज्यों में नैशनल गार्ड के करीब 17,000 सैनिकों की तैनाती की गई है। उन्होंने कहा, ‘कुल 3,50,000 नैशनल गार्ड उपलब्ध हैं और अराजकता रोकने के लिए और कदम उठाए जाएंगे।