ईस्ट चाइना सी में भी जापान को छेड़ रहा चीन
कोरोना की महामारी, उसे लेकर अमेरिका से तल्ख होते संबंध, भारत के साथ लद्दाख सीमा पर तनाव और साउथ चाइना सी में प्रभुत्व स्थापित करनी की कोशिश- इस सबके बावजूद चीन के हौसले पस्त नहीं है और वह जापान से भिड़ने के लिए भी तैयार हो रहा है। पिछले कुछ समय में चीन के कोस्ट गार्ड (CCG) ने जापान के सेंकाकू टापू के आसपास सक्रियता तेज कर दी है। चीन इस क्षेत्र पर भी अपना हक बताता है। जापान के सबसे बड़े अखबार जापान टाइम्स में टेटसुओ कोटानी ने दावा किया है कि के कोरोना से निपटने में व्यस्त होने का फायदा उठाकर सेंकाकू में अपनी पैठ जमाना चाहता है।
जापान की बोट को ही बता दिया गैर-कानूनी
पिछले महीने 8 मई को जापान की एक फिशिंग बोट के पीछे CCG के शिप लग गए जिसके बाद जापान कोस्ट गार्ड (JCG) ने उन्हें चेतावनी दी। दोनों आमने-सामने आ गए लेकिन CCG नहीं हटा और 10 मई तक फिशिंग बोट के पास बना रहा। जापान सरकार ने इसकी शिकायत की जिस पर चीन ने उल्टा फिशिंग बोट पर चीन के इलाके में घूमने का आरोप जड़ दिया और JCG से आगे से बीच में न आने के लिए कह दिया। ऐसा पहली बार हुआ कि CCG जहाज तीन दिन वहां रहे और जापान की फिशिंग ऐक्टिविटी को गैर-कानूनी घोषित कर दिया।
चीन ने लगाया फिशिंग पर बैन
कोटानी का दावा है कि ऐसा पहली बार नहीं है जब CCG ने जापान की फिशिंग बोट का पीछा किया है। JCG के मुताबिक जुलाई 2013 से अब तक ऐसा कम से कम 5वीं बार हुआ है जबकि सार्वजनिक की गई जानकारी के मुताबिक इससे पहले भी चार बार ऐसा हो चुका है। ऐसा दावा भी किया गया है कि जब मीडिया या राजनीतिक कार्यकर्ता बोट पर होते हैं, जो चीन के जहाज उनका पीछा करते हैं। कोटानी के मुताबिक चीन हर साल मई से अगस्त के बीच ईस्ट-साउथ चाइना सी और यलो सी में फिशिंग बैन लगाता है। पहले CCG सिर्फ चीन की फिशिंग बोट्स को रोका करते थे लेकिन इस साल से विदेशी बोटों को भी निशाना बनाया जा रहा है।
जापान ने तैनात किए जहाज, विमान
कोटानी ने आशंका जताई है कि CCG की गतिविधियां कोरोना वायरस के पहले ही सेंकाकू में तेज हो गई थीं। पहले वे सिर्फ खराब मौसम में रुकने आते थे लेकिन अब यहीं बने रहते हैं। ऐसे में आशंका है कि वे आगे भी जापान की फिशिंग बोट्स के पीछे आ सकते हैं। इसके जवाब में जापान ने पट्रोल शिप और एयरक्राफ्ट बढ़ा दिए हैं और प्रतिक्रिया देने में ढिलाई नहीं बरती जाती है। साथ ही पोर्ट पर उतरने से रोका जाता है और चीन की फिशिंग बोट्स पर भी नजर रखी जाती है। चीन के पूर्व कोस्टगार्ड ऑफिसर के मुताबिक चीन ने सेंकाकू में आना इसलिए शुरू किया ताकि जापान के कंट्रोल को चुनौती दी जा सके। हालांकि, यह संयुक्त राष्ट्र चार्टर के खिलाफ है। साथ ही वह चीन फिशिंग बैन भी नहीं लगा सकता।