कोरोना को हल्के में लिया, इन देशों में खराब हालात
कोरोना वायरस को लेकर ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सनारो ने शुरुआत में काफी ढीला-ढाला रवैया अपनाया। इकॉनमी बचाने को प्राथमिकता देते हुए वह यहां तक कह गए कि लोग तो मरेंगे ही। अब ब्राजील में हालात ऐसे हो गए हैं कि वह रूस के साथ इन्फेक्शन के सबसे ज्यादा मामलों की फेहरिस्त में दूसरे-तीसरे नंबर पर आगे-पीछे चल रहा है। एक समय पर वह दूसरे नंबर था। हालांकि, बाद में रूस और आगे निकलकर वापस दूसरे नंबर पर पहुंच गया। ब्राजील में हालात इतने खराब हैं कि सड़क पर 30 घंटे तक लाश पड़ी रही लेकिन उसे उठाने कोई नहीं आया। ब्राजील में कुल संक्रमित लोगों की संख्या अब बढ़कर 333,937 हो गई है।
ब्राजील में COVID-19 संक्रमण के कुल 3,33,937 मामले सामने आए हैं और कुल 21,145 लोगों की मौत हो चुकी है। यहां संक्रमण के मामले रूस के आसपास हैं, जो कि जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के मुताबिक विश्व में संक्रमण के सर्वाधिक मामलों वाला दूसरा देश है। ब्राजील में शनिवार तक 24 घंटे में 1,001 संकमित मरीजों की मौत हुई।
इस लातिन अमेरिकी देश में संक्रमण का प्रकोप बहुत अधिक है। इस बीच यहां यह बहस चल रही है कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन में ढील दी जाए या फिर और सख्त पाबंदियां लगाई जाए। इससे पहले देश के राष्ट्रपति बोल्सनारो कोरोना को लेकर काफी बेपरवाह रहे हैं। उन्होंने कई बार इसके कारण होने वाली मौतों को लेकर खास चिंता नहीं जताने के संकेत दिए और यहां तक कि संवेदनहीन बयान भी दिए।
ब्राजील की तरह ही अमेरिका में भी इस आपदा की शुरुआत में कड़े कदम नहीं उठाए गए और ढीले-ढाले रवैये से काम किया गया। इस कारण देश में सबसे ज्यादा 16,47,043 मामले दर्ज किए जा चुके हैं और 97,687 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, देश के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले खुद लॉकडाउन का विरोध करते रहे और वायरस के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराते रहे। यहां तक कि लॉकडाउन के कारण होने वाले नुकसान को लेकर उन्होंने ऐसे राज्यों के गवर्नर्स को भी घेरा जहां कड़े प्रतिबंध लगाए जा रहे थे।
कोरोना वायरस ने सबसे पहले एशिया में चीन को अपना निशाना बनाया था। अब एशिया में सबसे ज्यादा मामले रूस में मौजूद हैं। यहां अब तक 335,882 लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं जबकि 3,388 लोगों की मौत हो चुकी है। यहां मामले तेजी से आगे बढ़ रहे हैं और अब तक वायरस अपने चरम पर नहीं पहुंचा है। रूस में सबसे ज्यादा खराब हालात राजधानी मॉस्को में हैं। हालांकि, देश में इन्फेक्शन के मामलों को देखते हुए मरने वालों की संख्या पर काफी नियंत्रण है।
यूरोप में इस वक्त सबसे ज्यादा कोरोना पॉजिटिव मामले स्पेन में हैं। यहां अब तक 281,904 लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं और 28,628 लोगों की मौत हो चुकी है। प्रधानमंत्री पेड्रो संशेज ने दावा किया है कि अब हालात सुधर रहे हैं और जुलाई से विदेशी पर्यटक देश में आ सकेंगे। उनका कहना है कि सबसे बुरा वक्त खत्म हो चुका है। हालांकि, उन्होंने साफ किया है कि वायरस पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। इसलिए अभी एहतियात बरतने होंगे।
यूरोप में कोरोना वायरस ने सबसे ज्यादा जानें ब्रिटेन में ली हैं। यहां अब तक 254,195 कोरोना पॉजिटिव पाए जा चुके हैं और 36,393 लोगों की मौत हो चुकी है। वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन में धीरे-धीरे ढील दी जा रही है। खासकर काम पर जाने के लिए साइकल जैसे तरीकों का इस्तेमाल करने की अपील की जा रही है।
यूरोप में कोरोना वायरस का सबसे पहले सबसे बड़ा शिकार इटली बना था। यहां अब तक 228,658 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए जा चुके हैं जबकि 32,616 लोगों की मौत हो चुकी है। यहां कोरोना वायरस लॉकडाउन में अर्थव्यवस्था को होने वाले नुकसान को देखते हुए ढील दी गई। हालांकि, इसके बाद अलग-अलग प्रांतों के मेयर इस बात से नाराज नजर आए कि लोग वायरस को फैलने से रोकने के लिए कदम नहीं उठा रहे हैं।
फ्रांस में कोरोना पॉजिटिव मामलों की संख्या 182,219 पर पहुंच गई है और 28,289 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि, अब देश में बिजनस और स्टोर्स खोले जा रहे हैं। साथ ही धार्मिक स्थलों को खोलने की इजाजत भी दे गई है। इससे पहले धार्मिक स्थलों को 2 जून को खोला जाना था। साथ-साथ लोगों ने मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अहमियत को भी समझा है और उसका पालन किया जा रहा है।