केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने जवाहर नवोदय विद्यालयों में फंसे वि़द्यार्थियों को सुरक्षित घर भिजवाने की व्‍यवस्‍था की

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नई दिल्ली : केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने बताया कि नवोदय विद्यालय समिति ने लॉकडाउन की अवधि के दौरान देश के विभिन्‍न हिस्‍सों में 173 जवाहर नवोदय विद्यालयों में मौजूद 3000 से अधिक वि़द्यार्थियों को उनके घर भिजवाने का कार्य 15 मई, 2020 को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया।

जवाहर नवोदय विद्यालय, नवोदय विद्यालय समिति द्वारा संचालित सह-शैक्षिक आवासीय विद्यालय हैं, जो मानव संसाधन विकास मंत्रालय के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के अंतर्गत एक स्वायत्त संगठन है। नवोदय विद्यालयों का मुख्य उद्देश्य संस्कृति के मजबूत संघटक, मूल्यों के समावेशन, पर्यावरण के प्रति जागरूकता, साहसिक गतिविधियों और मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों से संबंध रखने वाले प्रतिभाशाली बच्चों को उनके परिवारों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति की परवाह किए बिना शारीरिक शिक्षा सहित अच्छी गुणवत्ता वाली आधुनिक शिक्षा प्रदान करना है। वर्तमान में, देश के विभिन्न राज्यों और संघशासित प्रदेशों में 661 स्वीकृत जेएनवी हैं, जिनमें आज 2.60 लाख से अधिक वि़द्यार्थी निशुल्‍क गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।

नवोदय विद्यालय योजना की महत्वपूर्ण विशेषताओं में से एक भारत की संस्कृति और जनमानस की विविधता और बहुलता के बारे में समझ को बढ़ावा देने के लिए किसी विशेष भाषाई क्षेत्र में स्थित जेएनवी से वि़द्यार्थियों का किसी दूसरे भाषाई क्षेत्र में प्रवासन है। यह प्रवासन योजना लंबे समय से प्रचलन में है और वि़द्यार्थियों में राष्ट्रीय एकता की भावना जगाने में सहायक रही है।

कोविड-19 के हालात के मद्देनजर नवोदय विद्यालय समिति (एनवीएस) ने अपनी गर्मी की छुट्टियों का समय पूर्वित कर लिया था और जेएनवी को 21.3.2020 से बंद कर दिया गया था।

राष्‍ट्रव्‍यापी लॉकडाउन लागू होने से पहले देश भर में जेएनवी के अधिकांश वि़द्यार्थी अपने निवास स्थानों (जो कि ज्यादातर जिला सीमाओं के भीतर हैं) तक पहुंच पाने में समर्थ हो सके थे, जबकि प्रवासन योजना के तहत 173 जेएनवी में रह रहे 3169 बाहरी वि़द्यार्थी और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, पुणे में जेईई (मुख्‍य) परीक्षा की तैयारी से संबंधित कक्षाओं में भाग ले रहे 12 छात्र अपने निवास स्थानों तक नहीं पहुंच सके थे।

लॉकडाउन की अवधि बढ़ाए जाने के साथ ही ज्यादातर 13-15 वर्ष आयु वर्ग के (लड़कियों सहित) इन बाहरी वि़द्यार्थियों में बेचैनी बढ़ने लगी और वे अपने घर लौटने को आतुर होने लगे, क्योंकि वे पिछले 6 महीनों से अपने परिजनों से नहीं मिले थे।

समिति इन विद्यार्थियों को जल्द से जल्द उनके घर भिजवाने के विभिन्न संभावित विकल्पों पर विचार कर रही थी। गृह मंत्रालय, राज्य और जिला प्रशासन के साथ कई दौर की चर्चाओं और सभी आवश्यक अनुमतियों को प्राप्त करने के बाद समिति ने लॉकडाउन की अवधि के दौरान भी बसों की विशेष रूप से व्‍यवस्‍था करके इन विद्यार्थियों को सड़क मार्ग से उनके घरों तक पहुंचाने की शुरुआत की। विभिन्न जेएनवी से विद्यार्थियों को भिजवाया जाना 9 मई, 2020 तक जारी रहा। 15 मई, 2020 को विद्यार्थियों के अंतिम दस्‍ते के झाबुआ में अपने गंतव्य पहुंचने के साथ ही इस प्रक्रिया का समापन हो गया।

संपूर्ण कार्रवाई को नवोदय विद्यालय समिति द्वारा योजनाबद्ध तरीके से कार्यान्वित किया गया। वाहनों की स्वच्छता, विद्यार्थियों और उनके साथ गए शिक्षकों के लिए मास्क, सैनिटाइज़र के साथ-साथ भोजन और अन्य उपभोग्य सामग्रियों की व्यवस्था भी की गई थी। यात्रा की पूरी अवधि के दौरान छात्रों को बाहर का खाना नहीं दिया गया। जिला प्रशासनों की सहायता से यात्रा के प्रारंभ के साथ-साथ अपने-अपने गंतव्यों तक पहुंचने पर वि़द्यार्थियों का मेडिकल चेकअप भी सुनिश्चित किया गया।

तय की गई दूरी के संदर्भ में विद्यार्थियों द्वारा सबसे लंबी यात्रा जेएनवी, करनाल (हरियाणा) और जेएनवी, तिरुवंतपुरम (केरल) के बीच की थी, जिसमें उन्‍हें 3060 किलोमीटर की दूरी (7 राज्यों- तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से होकर गुजरते हुए) तय करनी पड़ी, जबकि सबसे कम दूरी जेएनवी, बोलंगीर (ओडिशा) और जेएनवी, अन्नूपुर (एमपी) के बीच थी, जिसमें सिर्फ 420 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ी।

जेएनवी, नैनीताल (उत्तराखंड) के वि़द्यार्थी उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के रास्ते से जेएनवी, वायनाड (केरल) पहुंचे, जबकि जेएनवी, सेनापति (मणिपुर) के वि़द्यार्थी नागालैंड, असम, पश्चिम बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश के दुर्गम इलाकों से होकर 15 मई, 2020 को सुरक्षित रूप से जेएनवी, झाबुआ (मध्य प्रदेश) पहुंचे।

अपेक्षित अनुमतियां प्राप्त करने में देरी, लंबी दूरी सहित और जिस यात्रा में सबसे लंबा समय लगा – वह थी 5 दिन और 15 घंटे की जेएनवी, अमेठी (उत्तर प्रदेश) से जेएनवी, अलेप्पी (केरल) तक की यात्रा, जबकि जो यात्रा सबसे कम समय (9 घंटे और 30 मिनट) में पूरी हो गई, वह थी जेएनवी, बोलंगीर से जेएनवी, अन्नूपुर तक की यात्रा।

छात्रों के आवागमन पर एनवीएस और एमएचआरडी द्वारा दिन-प्रतिदिन प्रगति रिपोर्ट के माध्यम से बारीकी से निगरानी की जाती रही। 173 स्कूलों के सभी 3169 वि़द्यार्थी 4.1 मिलियन किलोमीटर की छात्र गतिविधि में बिना किसी समस्‍या के सुरक्षित रूप से अपने-अपने गंतव्य तक पहुंच गए हैं, जो नवोदय विद्यालय समिति के अनुशासित अधिकारियों के साथ-साथ राज्य / जिला अधिकारियों के संकल्प को दर्शाता है, जिनके उत्साह, प्रतिबद्धता और अथक प्रयासों की प्रशंसा की जानी चाहिए।

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