उंगली कट जाए तो… किधर है सिद्धू का इशारा
पंजाब कांग्रेस के भीतर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा। कुछ मंत्री और विधायक कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह अधिकारियों के आगे उनकी नहीं सुनते। दर्जन भर से ज्यादा विधायकों ने ट्वीट कर चीफ सेक्रेटरी को हटाने की मांग की थी। इसके बाद, अमरिंदर ने मंत्रियों-विधायकों से बात कर उन्हें शांत कराने की कोशिश की। अब पूर्व कैबिनेट मंत्री ने पूरे प्रकरण पर अपनी राय जताकर कांग्रेस की कलह सामने कर दी है। सिद्धू ने कहा कि स्वार्थ के चक्कर में सरकारी मशीनरी को बर्बाद नहीं करना चाहिए।
उंगली, हाथ और ब्यूरोक्रेसी, सिद्धू का फंडा अलगअपने यूट्यूब चैनल पर सिद्धू ने एक वीडियो अपलोड किया है। इसमें वो कहते हैं कि “एक ब्यूरोक्रेट हाथ की तीसरी उंगली की तरह होता है। अगर वो उंगली कट जाए तो हाथ बेकार हो जाता है।” उन्होंने कहा कि ‘प्रभावी गर्वनेंस के लिए, सरकार चलाने के लिए पूरी मशीनरी का परफेक्ट मिक्स होना चाहिए।’
अपने इलाके का उदाहरण देकर समझायासिद्धू ने वीडियो में अपने जिले अमृतसर का उदाहरण दिया। वहां के डिप्टी कमिश्नर शिव दुलार सिंह की तारीफ करते हुए सिद्धू ने कहा कि “चुने हुए जनप्रतिनिधियों और सारी सरकारी मशीनरी के बीच कम्प्लीट कोऑर्डिनेशन से आखिरी घर तक राशन पहुंचा। मगर जब मतलब बीच में आ जाता है तो मशीनरी किसी काम की नहीं रहती।”
सीएम से अनबन पर दिया था इस्तीफालोकसभा चुनावों के समय से ही सिद्धू और अमरिंदर के बीच मनमुटाव चल रहा है। अमरिंदर सिंह ने छह जून 2019 को सिद्धू से स्थानीय निकाय और पर्यटन एवं सांस्कृतिक मामलों के विभाग वापस ले लिए थे। उन्हें ऊर्जा एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग का प्रभार सौंपा गया था। बिना एक भी दिन ऑफिस गए सिद्धू ने अपना इस्तीफा राहुल गांधी को सौंप दिया था।
कांग्रेस में क्यों उठ रहे ऐसे सुर?रविवार को कादियां से कांग्रेस विधायक फतेह जंग सिंह बाजवा ने ट्वीट किया कि सीएम को कुछ ब्यूरोक्रेट्स ने ‘बंधक’ बना रखा है। इसे तीन और कांग्रेस विधायकों ने रिट्वीट भी किया। बाजवा ने लिखा था, “क्या हमारे माननीय सीएम को कुछ ब्यूरोक्रेट्स ने सच में और अतिशयोक्ति में, बंधक बना लिया है?” एक और विधायक डॉ. हरजोत कमल ने इसे कोट करते हुए लिखा, “प्रिय सीएम सर, शायद ये गलतफहमियां ही हों, उन्हें फौरन और प्रभावी ढंग से सुलझाना जरूरी है।”
अब बदल गए हैं पंजाब कांग्रेस में समीकरण फतेह बाजवा दरअसल पूर्व पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमिटी प्रमुख प्रताप सिंह बाजवा के छोटे भाई हैं। प्रताप सिंह बाजवा और अमरिंदर में नहीं बनती। फतेह बाजवा को टिकट अमरिंदर ने ही दिलवाया था। दोनों के बीच खूब छनती थी मगर अब हालात इस मोड़ पर आ गए हैं। कम से कम 12 विधायकों ने चीफ सेक्रेटरी के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की है। उनपर ‘हितों के टकराव’ का आरोप है। ये भी कि उनकी वजह से एक्साइज डिपार्टमेंट को पिछले तीन साल में 600 करोड़ रुपये के रेवेन्यू का नुकसान हुआ।