कहां पैदा हुआ कोरोना? चीन का जांच से इनकार

कहां पैदा हुआ कोरोना? चीन का जांच से इनकार
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बीजिंग
महामारी के कारण पूरी दुनिया में आलोचना झेल रहे के बचाव में पहली बार राष्ट्रपति शी चिनफिंग सामने आए। सोमवार को वर्ल्ड हेल्थ असेंबली के अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कोरोना वायरस की उतपत्ति संबंधी जांच की मांग को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि चीन ने पूरी पारदर्शिता के साथ अन्य देशों की अपनी पूरी क्षमता से मदद की। शी चिनफिंग ने अन्य देशों से के वैश्विक समर्थन का आह्वान किया।

विकाशसील देशों को 2 बिलियन डॉलर की मदद
चीनी राष्ट्रपति ने अगले दो साल में कोरोना से प्रभावित विकासशील देशों के लिए 2 बिलियन डॉलर की मदद की घोषणा की। अमेरिका और कई यूरोपीय देशों द्वारा चीन की आलोचना किए जाने पर जिनपिंग ने कहा कि हमने खुलेपन, पारदर्शिता और जिम्मेदारी के साथ काम किया है। हमने डब्ल्यूएचओ और संबंधित देशों को सबसे पहले जानकारी प्रदान की है।

WHO के कार्यों की जांच का किया विरोध
चिनफिंग ने कहा कि चीन महामारी का दौर खत्म होने के बाद कोरोना वायरस को लेकर वैश्विक रिस्पांस के व्यापक समीक्षा का समर्थन करता है। हालांकि, उन्होंने डब्लूएचओ के कार्यों की स्वतंत्र जांच के लिए यूरोपीय यूनियन के प्रस्ताव का विरोध किया।

स्वास्थ्य व्यवस्था मजबूत करने का आग्रह
चीनी राष्ट्रपति ने वैश्विक समुदाय से कहा कि कोरोना वायरस के कारण हमारी सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षा में गंभीर खामियां सामने आईं हैं। सभी देशों को इसे दूर करने और शासन प्रणाली सुधार करने की आवश्यकता है। हमें सार्वजनिक स्वास्थ्य को लेकर पैदा हुई आपात स्थितियों से निपटने के लिए और अधिक तेजी से प्रतिक्रिया करने की आवश्यकता है।

ताइवान नहीं हुआ शामिल
विश्व स्वास्थ्य संगठन की इस बैठक में चीन के दबाव के कारण ताइवान शामिल नहीं हो सका। ताइवान को कई वर्षों तक इस सम्मेलन में पर्यवेक्षक के रूप में शामिल होने का निमंत्रण मिलता रहा लेकिन 2016 में इसे बंद कर दिया गया क्योंकि ताइवान के राष्ट्रपति तसाई इंग-वेन ने ताइवान को एक चीन का हिस्सा मानने की अवधारणा को मान्यता देने से इनकार कर दिया। बेलीज, ग्वाटेमाला समेत 15 देशों ने डब्ल्यूएचओ प्रमुख को इस एजेंडे में ताइवान की भागीदारी के सवाल को शामिल करने के लिए पत्र लिखा है। हालांकि ऐसा करने वालों में अमेरिका शामिल नहीं है।

शायद ही निकले बैठक का मतलब
डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस अधोनोम घेब्रेयसस ने इस सम्मेलन को डब्ल्यूएचओ की 1948 में हुई स्थापना के बाद से सबसे महत्वपूर्ण बैठकों में से एक माना है। हालांकि इस संकट से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर किसी भी सहमति तक पहुंचने की संभावना अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते तनावपूर्ण संबंधों की वजह से मुश्किल है।

चीन-अमेरिका में चरम पर तनाव
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले सप्ताह चीन के साथ संबंधों को खत्म करने की चेतावनी दी थी। पिछले साल चीन से यह महामारी उभरी थी और इसके प्रसार को रोकने में चीन की भूमिका पर ट्रंप ने कई सवाल खड़े किए थे और बिना सत्यापित प्रमाण के यहां तक कह दिया था कि यह वायरस चीन की प्रयोगशाला से बाहर आया है। हालांकि इस तनाव के बाद भी देशों को उम्मीद है कि वह इस पर सर्वसम्मति तक पहुंचेंगे।

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