रोम-रोम में बसे हैं श्रीराम : शिवराज

रोम-रोम में बसे हैं श्रीराम : शिवराज
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जबलपुर. मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राम हमारे रोम-रोम में और हमारी हर सांस में बसे हैं. वे हमारा अस्तित्व, हमारे आराध्य और हमारे प्राण हैं. भगवान श्री रामचन्द्र पर लिखित ग्रंथ रामायण अपने आप में एक अद्वितीय ग्रंथ है जिसमें भगवान राम के व्यक्तित्व और कृतित्व का विशद् चित्रण किया गया है.

मुख्यमंत्री आज यहां स्थानीय मानस भवन सभागृह में वल्र्ड रामायण कान्फ्रेंस के शुभारंभ के अवसर पर बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि ठेठ गांव से लेकर शहरों तक में आज भी लोग आपस में मिलने पर राम-राम जरूर करते हैं. कष्ट और दुख की स्थितियों में भी हर कोई अपने भगवान राम को ही याद करता है. उनकी महिमा वर्णनातीत है. श्री चौहान ने कहा कि हमारी मूलभूत अवधारणा है कि राम समस्त जड़-चेतन में मौजूद हैं. एक ही चेतना पूरे ब्राह्ममाण्ड में व्याप्त है. मुख्यमंत्री ने कहा कि रामायण आज भी नैतिकता की प्रेरणा देने वाला सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ है. रामायण के प्रसंग भौतिकता से दग्ध मानवता को सन्मार्ग दिखाते हैं. उन्होंने कहा कि रामकथा पर केन्द्रित रामायण में आदर्श माता-पिता, भ्राता, सेवक आदि का उल्लेख सभी के लिए प्रेरणाप्रद है.

नमामि देवि नर्मदे नर्मदा सेवा यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि नदियां केवल जलवाहिकाएं नहीं वरन् साक्षात माताएं हैं. उन्होंने कहा कि मां नर्मदा की गोद में खेलते हुए मेरा बचपन बीता है. तमाम कारणों के चलते प्रदेश की जीवन रेखा नर्मदा की जल धार सिमटती जा रही थी. इस परिदृश्य में यह प्रेरणा उपजी कि नर्मदा माता का कर्ज उतारने का समय आन पहुंचा है. अपने निहित स्वार्थों की पूर्ति के लिए मनुष्य ने नर्मदा किनारे के वृक्ष काट डाले थे. नर्मदा को पुन: वेगवती बनाने के लिए हमने संकल्प लिया है कि नर्मदा के दोनों तटों पर बड़े पैमाने पर पौधारोपण किया जाएगा और मां नर्मदा को हम हरियाली चुनरी ओढ़ा देंगे. पेड़ों का पानी निश्चय ही नर्मदा जी की धारा को प्रखर बनाएगा.

शहरी क्षेत्रों के सीवेज का पानी नर्मदा में बहाए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसी जगहों पर ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किए जाएंगे. इसी प्रकार मां नर्मदा की गोद अपवित्र किए जाने की समस्या के मद्देनजर हर घर में शौचालय निर्माण की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि नर्मदा जी के तटीय ग्रामों में अगले वर्ष से शराब की दुकानें नहीं रहेंगी. स्वयं जनता जनार्दन ने यह संकल्प लेते हुए नशामुक्ति का प्रण किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदा सेवा यात्रा में योगदान देने के लिए समाज स्वयं कृतसंकल्पित हो उठा है. उन्होंने आशा व्यक्त की कि पर्यावरण बचाने के इस सबसे बड़े आह्वान में समारोह में उपस्थित हस्तियां भी सम्मिलित होंगी.

कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ कृष्णगोपाल ने अपने विद्वतापूर्ण उद्बोधन में कहा कि मर्यादा पुरूषोत्तम राम का जीवन चरित्र लोगों के मन में इस प्रकार पैठ गया है कि वह नित नूतन लगता है. कोई प्रांत कोई भाषा ऐसी नहीं है जिसमें राम के चरित्र का वर्णन न हो. रामकथा का अद्भुत भाव सबको जोड़कर रखता है और यह पीढ़ी दर पीढ़ी अन्तरित होता आ रहा है. हजारों वर्ष बीत गए पर राम चिरनवीन हैं. विश्व परिदृश्य में ऐसा दूसरा व्यक्तित्व खोजा नहीं जा सकता. मानव शरीरधारी होने के बावजूद राम एक दैवीय व्यक्तित्व हैं. वे भिन्न-भिन्न रूप में प्रकाशित हैं. उनके व्यक्तित्व में दैवीय गुणों का दर्शन होता है. राम लोकमानस में बहुत गहरे पैठे हैं. डॉ कृष्णगोपाल ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि द्वारा ऐसा चरित्र लिखा गया कि वह हजारों वर्षों में जस का तस रहा है. देश की सारी भाषाओं में राम चरित्र पर केन्द्रित ग्रंथ लिखे गए हैं. कोई बोली ऐसी नहीं है जिसमें रामकथा न गाई जाती हो. उन्होंने कहा कि राम कालातीत हैं और तुलसीकृत मानस करोड़ों लोगों के कंठ में अवस्थित है. डॉ कृष्णगोपाल ने रामलीला के मंचन की परम्परा पर भी प्रकाश डाला.

संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री सुरेन्द्र पटवा ने रामायण पर केन्द्रित वल्र्ड कान्फ्रेंस के आयोजनकर्ताओं को इस आयोजन के लिए बधाई दी. उन्होंने कहा कि यह आयोजन अपने आप में एक अनुकरणीय पहल है. आने वाले समय में संस्कृति विभाग द्वारा भी इस प्रकार के आयोजन की दिशा में पहल की जाएगी. नई पीढ़ी को इस सम्बन्ध में जागरूक बनाना होगा.

कार्यक्रम के आरंभ में मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथियों ने विधिवत् दीप प्रज्जवलित कर कान्फ्रेंस का विधिवत् शुभारंभ किया. आयोजन समिति के अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री श्री अजय विश्नोई ने कहा कि रामायण सबके दिलों में विराजी हुई हैं. इस ग्रंथ का विस्तार केवल भारत तक ही सीमित नहीं है वरन् सुदूर देशों में भी इस ग्रंथ की महिमा का विस्तार है. हमारी कोशिश है कि रामायण जैसे विश्वव्यापी विस्तार वाले ग्रंथ पर मूर्धन्य विद्वानों के विचार एक मंच के माध्यम से सामने आएं. श्री विश्नोई ने बताया कि इस आयोजन में विदेशों से आए विद्वान भी शिरकत कर रहे हैं. उन्होंने आयोजन में नगर की श्रद्धालु जनता के अहम् योगदान को भी रेखांकित किया. इस मौके पर सोवेनिर का विमोचन भी किया गया.

इस दौरान परमपूज्य स्वामी श्यामदेवाचार्य जी महाराज, आयोजन समिति के सचिव अखिलेश गुमाश्ता, डॉ बलराम सिंह, महापौर डॉ स्वाति गोडबोले, जिला पंचायत अध्यक्ष मनोरमा पटेल एवं प्रमुख सचिव संस्कृति मनोज श्रीवास्तव व अशोक मनोध्या भी मंचासीन थे.

शुभारंभ समारोह में ज्ञानेश्वरी दीदी, मंदाकिनी दीदी, विधायक प्रतिभा सिंह एवं नंदिनी मरावी, श्रीमती साधना सिंह, मेजर जनरल जी.डी बख्शी, भाजपा नगर अध्यक्ष जी.एस. ठाकुर व ग्रामीण अध्यक्ष शिव पटेल भी मौजूद थे.

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