आतंक सबसे बड़ा मानवाधिकार उल्लंघन: शाह

आतंक सबसे बड़ा मानवाधिकार उल्लंघन: शाह
Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

नई दिल्लीकेंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि और के कारण होने वाले मानवाधिकारों के उल्लंघन से बढ़कर दूसरा कोई मामला नहीं हो सकता। (एनएचआरसी) के 26वें स्थापना दिवस पर कश्मीर में आतंकवाद का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि घाटी में आतंकवाद के कारण करीब 40 हजार लोगों की जान चली गई।

उन्होंने कहा, ‘नक्सलवाद के कारण कई जिले विकास से वंचित रहे गए और कई लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया। क्या उनके मानवाधिकार नहीं हैं? सबसे ज्यादा मानवाधिकारों का उल्लंघन उन लोगों का हुआ जिन्हें नक्सलवाद और आतंकवाद का दंश झेलना पड़ा।’

एक्स्ट्रा ज्यूडिशल कीलिंग्स पर जताई चिंता
शाह ने कहा, ‘हिरासत में मौतों और बिना न्यायिक या कानूनी प्रक्रिया के किसी व्यक्ति की किसी सरकारी संगठन या व्यक्ति द्वारा की गई हत्याएं (एक्स्ट्रा ज्यूडिशल कीलिंग्स) रोकना हमारा दायित्व है, लेकिन हर व्यक्ति की जिंदगी में सम्मान एवं शांति सुनिश्चित करवाना भी हमारी ही जिम्मेदारी है।’

NHRC और NGOs की तारीफ
शाह ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के पिछले 25 वर्षों के कार्यों की तारीफ करते हुए कहा, ‘इस क्षेत्र में जागरूकता फैलाने को लेकर एनएचआरसी और एजीओज के प्रयास अद्भुत हैं। यह सरकार इसे आगे बढ़ाने के प्रति बेहद गंभीर है।’

सोच बदलने की अपील
शाह ने एनएचआरसी और मानवाधिकार के क्षेत्र में काम करने वाले गैर-सरकारी संगठनों से मानवाधिकारों के प्रति सोच बदलने का आग्रह किया जिसमें देश की विविधताओं और चुनौतियों का समाधान हो सके। उन्होंने कहा, ‘हमारी संस्कृति हमें ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की शिक्षा देती है। विश्व को अपने परिवार की तरह देखने की अवधारणा अपने आप में मानवाधिकार की सबसे बड़ी अवधारणा है।’

गरीबी भी मानवाधिकारों की राह की बड़ी चुनौती
शाह ने मानवाधिकारों पर वाद-विवाद में गरीबी को एक बड़ी चुनौती बताया। उन्होंने कहा, ‘अगर हम भारत में मानवाधिकारों की बात करते हैं तो सरकार समेत सभी पक्षों की तरफ से गरीबी के खात्मे की दिशा में और ज्यादा प्रयास किए गए तो परिणाम में नाटकीय परिवर्तन आ सकता है।’

शाह ने गिनाए केंद्र के प्रयास
शाह ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को घर, बिजली कनेक्शन, गैस कनेक्शन और शौचालय मुहैया कराने को गरीबी उन्मूलन की दिशा में किए गए केंद्र सरकार के प्रयासों की तरह पेश किया। उन्होंने कहा, ‘आजादी के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने 70 करोड़ से ज्यादा लोगों के मानवाधिकारों की राह में इन चुनौतियों को सुलझाने का प्रयास किया।’

Source: National

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

watchm7j

Leave a Reply

Your email address will not be published.