PM मोदी और शी चिनफिंग में हुई ‘डिनर पे चर्चा’
महाबलीपुरम :प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को तमिलनाडु के महाबलीपुरम में चीन के राष्ट्रपति की जमकर आवभगत की। महाबलीपुरम में भारत की ऐतिहासिक धरोहर और कला-संस्कृति का शानदार संगम देखने के बाद दोनों नेताओं ने साथ में रात का खाना खाया। जानकारी के मुताबिक, दोनों नेताओं के बची डिनर पर शुरू हुई चर्चा घंटों से जारी है। इस दौरान चीनी राष्ट्रपति चिनफिंग को विशेष रूप से तमिल व्यंजन परोसे गए।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के लिए ‘टूरिस्ट गाइड’ की भूमिका में दिखे। मोदी ने चिनफिंग को चेन्नै से लगभग 60 किमी दूर स्थित प्रसिद्ध मूर्तिकला शहर महाबलीपुरम में तीन महत्वपूर्ण स्मारकों की वास्तुकला और महत्व के बारे में विस्तार से बताया। इस दौरान मोदी पारंपरिक तमिल परिधान ‘विष्टी’ (सफेद धोती), आधी बांह की सफेद कमीज के साथ ही अंगवस्त्रम (अंगोछा) कंधे पर रखे नजर आए। मोदी ने दूसरे अनौपचारिक भारत-चीन शिखर सम्मेलन के लिए महाबलीपुरम पहुंचे शी का स्वागत किया। इस दौरान शी सफेद कमीज और काली पतलून पहने हुए थे।
मोदी अर्जुन के तपस्या स्थल के पास शी से मिले और उन्हें चट्टान काटकर बनाए गए भव्य मंदिर के अंदर ले गए। मंदिर में प्रवेश करने के बाद मोदी खुद ही चिनफिंग को यहां की नक्काशी और पारंपरिक सभ्यता व संस्कृति के बारे में बताते हुए देखे गए। फिर दोनों नेता अर्जुन की तपस्या मूर्तिकला के पास गए। मोदी एक पेशेवर गाइड की तरह शी को विशाल चट्टान पर उकेरी गई विभिन्न छवियों को बताते हुए देखे गए। शी चिनफिंग भी मोदी को बड़ी उत्सुकता से सुन रहे थे। मोदी और शी ने कृष्ण की बटर बॉल की सैर की। यहां से दोनों नेताओं ने एक ही कार में बैठकर पांच रथों तक पहुंचने के लिए कुछ दूरी तय की।
बता दें कि पांच रथ (पंचरथ) ठोस चट्टानों का एक समूह है। यह पांच रथ मुक्त रूप से खड़े अखंड मंदिर के रूप में हैं, जिन्हें महाभारत के पांच पांडव भाई युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल और सहदेव के साथ उनकी पत्नी द्रौपदी से जोड़ा गया है। कहा जाता है कि 7वीं शताब्दी में पल्लव राजाओं ने इसका निर्माण कराया था। इस पंचरथ को अद्भुत वास्तुकला के लिए अपूर्व माना जाता है। इसके बाद दोनों नेताओं ने बातचीत करने के लिए एक जगह पर बैठने का फैसला लिया। उन्होंने यहां नारियल पानी भी पीया।