अमेरिका का बयान संप्रभुता का उल्लंघन : उत्तर कोरिया
सोल: उत्तर कोरिया ने कहा कि अमेरिका का यह सोचना भ्रम है कि वह परमाणु हथियार छोड़ देगा. उसने देश को निशाना बनाने के लिये संयुक्त राष्ट्र के ताजा प्रतिबंधों को ‘युद्ध समान कृत्य’ बताते हुए कहा कि यह उसकी संप्रभुता का उल्लंघन करता है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने शुक्रवार (22 दिसंबर) को सर्वसम्मति से उत्तर कोरिया के खिलाफ नए कठोर प्रतिबंधों को मंजूरी दी थी. ये प्रतिबंध उत्तर कोरिया के हाल में एक बैलिस्टिक मिसाइल का प्रक्षेपण करने के मद्देनजर लगाए गए. इस मिसाइल के बारे में प्योंगयांग का कहना है कि यह अमेरिका में कहीं भी पहुंच सकता है.
इस प्रस्ताव को अमेरिका ने तैयार किया था और उत्तर कोरिया के करीबी सहयोगी चीन के साथ बातचीत की थी. उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने रविवार (24 दिसंबर) को एक वक्तव्य में कहा, ‘‘हम अमेरिका और उसके अनुयायियों के प्रतिबंध प्रस्ताव को हमारे गणराज्य की संप्रभुता का गंभीर उल्लंघन मानते हैं. यह युद्ध का कृत्य है जो कोरियाई प्रायद्वीप और क्षेत्र में शांति और स्थिरता का उल्लंघन करता है. हम इस प्रस्ताव को साफ तौर पर खारिज करते हैं.’’ मंत्रालय ने कहा कि प्रतिबंध उत्तर कोरिया की ‘पूर्ण आर्थिक नाकेबंदी’ के समान है.
उत्तर कोरिया की आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार वक्तव्य में कहा गया है, ‘‘अगर अमेरिका सुरक्षित रहना चाहता है तो उसे डीपीआरके (उत्तर कोरिया) के प्रति शत्रुतापूर्ण नीति का हर हाल में त्याग करना चाहिये और देश के साथ रहना सीखना चाहिये. उसे इस भ्रम से बाहर आ जाना चाहिये कि हम अपना परमाणु हथियार छोड़ देंगे, जिसे हमने तमाम कठिनाइयों के बावजूद विकसित किया है.’’
उत्तर कोरियाई शासन के अनुसार, अब एक बड़ा परमाणु हथियार ले जाने और अमेरिका के के सभी क्षेत्र तक पहुंचने में सक्षम हैं. किम ने अपने शुरुआती संबोधन में कहा, “उत्तर कोरिया के परमाणु शक्ति का तेजी से विकास विश्व के राजनीतिक और रणनीतिक वातावरण पर बड़ा प्रभाव डाल रहा है.” उन्होंने कहा, “कोई भी उत्तर कोरिया के अस्तित्व से इनकार नहीं कर सकता, जो अमेरिका के लिए पर्याप्त परमाणु खतरे की चुनौती देने में सक्षम एक रणनीतिक देश के तौर पर तेजी से उभरा है.”