युद्ध को न्योता देने जैसा है संयुक्त राष्ट्र का नया प्रतिबंध : उत्तर कोरिया
सोल: उत्तर कोरिया ने देश के अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षणों के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा लगाए गए नये प्रतिबंधों की रविवार (24 दिसंबर) को निंदा करते हुए इसे युद्ध की तरफ ले जाने वाली कार्रवाई बताया. सरकारी समाचार एजेंसी केसीएनए की खबर के अनुसार उत्तर कोरियाई विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘हम संयुक्त राष्ट्र के नये प्रतिबंधों को पूरी तरह से खारिज करते है.
यह हमारे गणराज्य की संप्रभुता का गंभीर उल्लंघन है और युद्ध की तरफ ले जाने वाली कार्रवाई है जिससे कोरियाई प्रायद्वीप और व्यापक क्षेत्र की शांति और स्थिरता प्रभावित होती है.’’ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने शनिवार (23 दिसंबर) को सर्वसम्मति से अमेरिका द्वारा तैयार प्रतिबंधों वाले मसौदे को पारित कर दिया था. यह प्रस्ताव 90 प्रतिशत परिष्कृत पेट्रोलियम पदार्थों के आयात पर रोक लगाता है. इस प्रतिबंध वाले मसौदे को पारित किये जाने के एक दिन बाद उत्तर कोरिया की पहली आधिकारिक प्रतिक्रिया आई है. उत्तर कोरिया के लम्बी दूरी की आईसीबीएम के परीक्षण के लगभग तीन सप्ताह बाद इस वर्ष उस पर तीसरी बार प्रतिबंध लगाया गया है.
इससे पहले उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन ने बीते शुक्रवार (22 दिसंबर) को कहा था कि उनके देश ने रणनीतिक हथियारों में तेजी से विकास हासिल किया है और अमेरिका के लिए पर्याप्त परमाणु खतरा उत्पन्न किया है. ‘एफे’ ने ‘केसीएनए’ के हवाले से बताया, किम ने वर्कर्स पार्टी के उच्चस्तरीय अधिकारियों के साथ अपनी सबसे उन्नत इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) के सफलतापूर्वक परीक्षण के कुछ दिनों के बाद यह बैठक की है. किम का यह भाषण उसी वक्त आया, जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 29 नवंबर को उसके आईसीबीएम परीक्षण के जवाब में पृथक एशियाई देश के विरुद्ध प्रतिबंधों का विस्तार करने के लिए अमेरिका के एक नए प्रस्ताव पर मतदान करने की योजना बनाई है.
उत्तर कोरियाई शासन के अनुसार, अब एक बड़ा परमाणु हथियार ले जाने और अमेरिका के के सभी क्षेत्र तक पहुंचने में सक्षम हैं. किम ने अपने शुरुआती संबोधन में कहा, “उत्तर कोरिया के परमाणु शक्ति का तेजी से विकास विश्व के राजनीतिक और रणनीतिक वातावरण पर बड़ा प्रभाव डाल रहा है.” उन्होंने कहा, “कोई भी उत्तर कोरिया के अस्तित्व से इनकार नहीं कर सकता, जो अमेरिका के लिए पर्याप्त परमाणु खतरे की चुनौती देने में सक्षम एक रणनीतिक देश के तौर पर तेजी से उभरा है.”