बिहार: स्वास्थ्य विभाग का हड़ताल कर्मियों को फाइनल अल्टीमेटम
पटना : स्वास्थ्य विभाग ने राज्यव्यापी हड़ताल कर रहे स्वास्थ्य विभाग के संविदाकर्मियों को 24 घंटे में काम पर लौटने का अल्टीमेट दिया है. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन ने गुरुवार को कहा कि जो हड़ताली स्वास्थ्यकर्मी मरीजों के हित में शनिवार तक काम पर नहीं लौटेंगे, उनकी सेवा समाप्त कर उनके स्थान पर नये कर्मियों को संविदा पर नियुक्त कर लिया जायेगा. राज्य भर में हड़ताल में शामिल स्वास्थ्यकर्मियों की संख्या करीब नौ हजार है.
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन और राज्य स्वास्थ्य समिति के ईडी लोकेश कुमार सिंह ने प्रेस काॅन्फ्रेंस में बताया कि राज्य में नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के तहत कुल 70 हजार कर्मचारियों की नियुक्ति संविदा पर की गयी है. इनमें करीब नौ हजार कर्मचारी ही हड़ताल पर हैं.
कुछ हड़ताली कर्मचारियों द्वारा नियमित रूप से नियुक्त कर्मियों को काम करने से रोका जा रहा है. ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश सभी जिलों के डीएम को दिया गया है. उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग में नियमित एएनएम की संख्या 13400 है, जबकि संविदा पर 6,800 की नियुक्ति की गयी है.
इसी तरह से नियमित जीएनएम की संख्या 5,600 है, जबकि संविदा पर नियुक्त जीएनएम सिर्फ 400 हैं. आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से संजीवनी कार्यक्रम में डाटा ऑपरेटरों को रखा गया है. आशा और ममता को हड़ताल पर जाने की कोई लिखित सूचना नहीं है. आशा और ममता को काम के आधार पर वेतन नहीं, बल्कि इनसेंटिव दिया जाता है.
किसी हाल में समान काम के लिए समान वेतन नहीं
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन और राज्य स्वास्थ्य समिति के ईडी लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि हड़ताल करनेवाले कर्मियों को किसी भी हाल में ‘समान काम के लिए समान वेतन’ नहीं दिया जा सकता है.
एनएचएम के तहत संविदा पर नियुक्त कर्मियों की सेवा शर्तें पूरे देश में एक समान हैं. जहां तक उनके मानदेय में वृद्धि की बात है, तो पांच साल पूरा होने पर 15% मानदेय बढ़ाने का प्रावधान है. तीन साल पूरा होने पर 10% वृद्धि का प्रावधान है. उन्होंने बताया कि सात हजार नियमित एएनएम की नियुक्ति होने जा रही है. इसमें संविदा पर काम करनेवाली एएनएन को प्राथमिकता दी जायेगी.