प्राइवेट स्कूलों पर शिकंजा कसने के लिए बिल लायेगी सरकार
रांची : झारखंड के निजी स्कूल अब मनमाने तरीके से फीस नहीं बढ़ा सकेंगे. सरकार इस पर अंकुश लगाने की तैयारी कर रही है. इससे संबंधित कानून का प्रारूप तैयार किया गया है. इस पर विधि विभाग ने अपनी सहमति दे दी है. विधानसभा के शीतकालीन सत्र में इससे संबंधित विधेयक पेश किया जा सकता है.
तैयार प्रारूप के अनुसार, हर स्कूल में फीस निर्धारण समिति बनेगी. यह समिति ही फीस बढ़ाने संबंधी निर्णय लेगी. समिति को मौजूदा फीस में सिर्फ 10 फीसदी तक ही वृद्धि का अधिकार होगा. इससे अधिक की वृद्धि पर उपायुक्त की अध्यक्षता में गठित जिला समिति अंतिम फैसला करेगी. अगर स्कूल जिला समिति की ओर से निर्धारित फीस से अधिक लेते हैं, तो उन पर कार्रवाई होगी.
एक सप्ताह पहले देना होगा एजेंडा : स्कूल प्रबंधन एक सप्ताह पहले फीस निर्धारण से संबंधित एजेंडा फीस निर्धारण समिति को देना होगा. समिति स्कूल की स्थिति, शिक्षा संरचना, रखरखाव पर खर्च, वेतन, वार्षिक वेतन वृद्धि जैसे बिंदुओं पर विचार करते हुए फीस तय करेगी.
फीस में 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि होने पर इसे उपायुक्त की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समिति के पास भेजा जायेगा.
राज्य शिक्षा न्यायाधिकरण में अपील कर सकेंगे स्कूल : जिला स्तरीय समिति मामले की जांच के बाद फीस बढ़ोतरी पर फैसला करेगी. इस समिति की ओर से निर्धारित फीस तीन शैक्षणिक सत्र के लिए मान्य होगी. जिला स्तरीय समिति के फैसले से असंतुष्ट होने पर स्कूल प्रबंधन राज्य शिक्षा न्यायाधिकरण में अपील कर सकेगा. निर्धारित फीस से अधिक लेने पर पहली बार स्कूल पर 2.5 लाख तक का अर्थ दंड लगाया जा सकेगा. दूसरी बार ऐसा करने पर अर्थ दंड के अलावा स्कूल की मान्यता रद्द करने की कार्रवाई की जायेगी.