सीएम ने की शिकायतों की समीक्षा
रांची: सीधी बात कार्यक्रम में मंगलवार को मुख्यमंत्री रघुवर दास ने जनसंवाद केंद्र में आयी शिकायतों की समीक्षा के दौरान कई मामलों में विभागीय अधिकारियों को समय-सीमा तय कर मामले के निष्पादन का निर्देश दिया. विधवा और वृद्धा पेंशन राशि के भुगतान के लिए हर जिले के उपायुक्त को कैंप लगाकर मामला निपटाने का आदेश दिया.
साथ ही देवघर के बड़ा नारायणपुर ग्राम में गोचर भूमि में खरसांड टोला की सरकारी जमीन अतिक्रमण कर बसे लोगों के मामले में कहा कि जिसे हटाना है, उसे बसाने की भी फिक्र करें. सिर्फ लोगों को हटाना मकसद नहीं होना चाहिए. अगर हम उन्हें हटायेंगे, तो वे दूसरी जगह अतिक्रमण करेंगे. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लोगों को चिह्नित कर बसाया जाये. मो सलीम द्वारा अवैध रूप से अतिक्रमण कर घर बना लेने और कुछ भाग पर खेती करने की शिकायत की गयी थी. इस मामले में देवघर के उपायुक्त ने बताया कि यह गांव पूरी तरह से गोचर भूमि पर बसा हुआ है.
कोडरमा डीसी को एक हफ्ते में नौकरी देने का आदेश: बीएसएफ मुख्यालय में कार्यरत कोडरमा निवासी शहीद राजेश यादव की पत्नी रिंकी देवी को नौकरी नहीं मिलने पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने नाराजगी जतायी. सीएम ने कोडरमा डीसी को एक हफ्ते में नौकरी और आवास के लिए जमीन देने का निर्देश दिया. रिंकी ने बताया कि आवास के लिए जमीन दिखायी गयी है, लेकिन वह शहर से बहुत दूर है. सीएम ने गृह सचिव से कहा कि शहर में जमीन दें. उन्होंने राज्य के सभी उपायुक्तों को निर्देश दिया कि शहीदों के मामले में संवेदनशीलता दिखाएं.
मृतक के आश्रित को 15 दिनों में नौकरी देने का निर्देश : सिमडेगा में 2012 में नक्सलियों ने महमूद मियां का अपहरण कर हत्या कर दी थी. इसके बाद उनके बेेटे आरिफ आलम ने अनुकंपा पर नौकरी और मुआवजा के लिए सिमडेगा के उपायुक्त को आवेदन दिया था.
आवेदन के आलोक में जिला अनुकंपा समिति ने मो आरिफ आलम को चतुर्थ वर्ग में नौकरी देने के लिए गृह विभाग के उप सचिव को अनुशंसा थी, इसके बाद भी नौकरी नहीं मिली थी. पांच साल बाद बताया गया कि 25 अक्तूबर 2017 को महमूद की पत्नी मसीना खातून को केंद्रीय अनुदान की राशि का भुगतान कर दिया गया है. साथ ही आरिफ आलम को सरकारी नौकरी के अनुमोदन के लिए गृह विभाग को पत्र भेजा गया है. मौकै पर मौजूद मसीना खातून की आपबीती सुनने के बाद सीएम ने 15 दिनों के अंदर नौकरी देने का निर्देश दिया. सीएम ने अधिकारियों और सभी उपायुक्तों से कहा कि इस तरह के मामलों का निष्पादन प्राथमिकता के आधार पर करें.