एमएसएमई उद्योगों को निवेश पर मिलेगा 40 प्रतिशत अनुदान – मुख्यमंत्री श्री चौहान
भोपाल : प्रदेश में एमएसएमई उद्योगों को संयंत्र एवं मशीनरी में किये गये निवेश पर पांच समान वार्षिक किश्तों पर 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। एमएसएमई इकाईयों को प्रत्येक कर्मचारी के लिये अधिकतम एक हजार रूपये नियोक्ता के अंश के रूप में सीपीएफ में जमा करने के लिए कम से कम दस नियमित कर्मचारियों के लिए पांच वर्षों तक पांच लाख रूपये दिये जायेंगे। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहां दो दिवसीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम एवं स्व-रोजगार सम्मेलन का शुभारम्भ सत्र में इस आशय की घोषणाएं की।
अन्य प्रदेश भी अपना रहे मध्यप्रदेश के नवाचार
केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री श्री गिरिराज सिंह सम्मेलन के मुख्य अतिथि थे। श्री गिरिराज सिंह ने युवा उद्यमियों को संबोधित करते हुये कहा कि मध्यपदेश के नवाचारों से अन्य प्रदेश भी सीख ले रहे हैं। उन्होने कहा कि मध्य्रपदेश ने कृषि के क्षेत्र में अनोखा कीर्तिमान स्थापित किया है। कृषि में लगातार पांच सालों से बीस प्रतिशत की वृद्धि दर बनाये रखना बड़ी सफलता है। उन्होंने मुख्यमंत्री को किसानों की संतानों के लिये और फसलों के मूल्य संवर्धन को बढ़ावा देने के लिये मुख्यमंत्री कृषि युवा उद्यमी योजना बनाने की पहल की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना की भी देश में सहराहना हो रही है।
कृषि क्रांति के बाद आर्थिक क्रांति की ओर बढ़ रहा मध्यप्रदेश
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि देश को मध्यप्रदेश पर गर्व है। प्रदेश कृषि क्रांति की शुरूआत करने के बाद अब आर्थिक क्रांति की ओर बढ़ रहा है। केन्द्र सरकार मध्यप्रदेश की विकास गति को बढ़ाने के लिये हर संभव मदद करेगी। श्री सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश के इतिहास में पहली बार युवाओं को कौशल सम्पन्न बनाने की दिशा में काम किया है। उन्होंने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योंगों में कम पूंजी में ज्यादा रोजगार पैदा होता है। केन्द्र सरकार के प्रयासों से प्रतिवर्ष दस करोड़ लोगों को रोजगार मिला है। उन्होंने बताया कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमियों की भुगतान संबंधी और अन्य बाधाओं को दूर करने के लिये ‘एमएसएमई समाधान’ व्यवस्था की गई है। अब उनके श्रम और समय की बचत होगी और इससे आसानी से समस्याओं का समाधान मिल जायेगा। उन्होंने कहा कि जीएसटी के संबंध में अब समझ बढ रही है। जल्दी ही सकारात्मक प्रभाव दिखने लगेगा।
विभागीय मंत्री को दी बधाई
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के उद्यमी युवाओं के साथ मिलकर प्रदेश में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों का जाल बिछायेंगे। इससे ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश ने कृषि के क्षेत्र में अभूतपूर्व कीर्तिमान स्थापित करते हुए सर्वाधिक 20 प्रतिशत वार्षिक विकास दर हासिल की है। केवल खेती के माध्यम से बढ़ती जनसंख्या की जरूरतें पूरी नहीं हो सकती। बडी संख्या में लघु और कुटीर उद्योगों का विकास करना जरूरी है ताकि ज्यादा से ज्यादा रोजगार पैदा हों। उन्होंने कहा कि बहुत कम समय में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग ने शानदार काम किया है। इसके लिये उन्होंने विभागीय मंत्री एवं प्रशासकीय अमले को बधाई दी।
हर साल होगा सम्मेलन
मुख्यमंत्री ने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों के सम्मेलन हर साल आयोजित होंगे ताकि सरकार और उद्योगों के बीच संवाद बना रहे। उन्होंने मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजना, युवा उद्यमी योजना और मुख्यमंत्री कृषि युवा उद्यमी योजना की चर्चा करते हुए कहा कि युवा उद्यमियों को पांच साल तक लोन की राशि पर पांच प्रतिशत ब्याज अनुदान दिया जायेगा। बेटियों के लिये छह प्रतिशत ब्याज अनुदान होगा। उन्होंने कहा कि साढ़े सात लाख युवाओं को लोन की सहायता देकर उन्हें उद्यमी बनाया जायेगा। उन्होंने युवा उद्यमियों का आव्हान किया कि वे अपने नवाचारी विचारों को साकार कर आगे बढें। सरकार वेंचर केपिटल फंड के माध्यम से उनकी मदद करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों और उद्यमियों को प्रदेश के विकास में सहयोगी मानती है। उन्हें हर कदम पर पूरा सहयोग दिया जायेगा।
जीएसटी के बाद लागू हुई नई नीति
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री श्री संजय सत्येन्द्र पाठक ने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद नये संदर्भों में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये नई नीति लागू की गई है। प्रदेश के पांच लाख युवाओं को स्व-रोजगार से जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश देश का एक मात्र ऐसा राज्य है जहां युवाओं में उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने के लिये नवाचारी और क्रांतिकारी योजनाएं बनाई गई हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में तीन सौ से ज्यादा क्लस्टर हैं। उन्होंने इन क्लस्टरों में अधोसंरचनात्मक विकास के लिये केन्द्र से सहयोग का आग्रह किया।
सचिव सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम भारत सरकार श्री अरुण कुमार पांडा ने केन्द्र की योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मुद्रा योजना में ज्यादा से ज्यादा उद्यमियों को लाभ देने के लिये ढाई हजार करोड़ का कारपस फंड कई गुना बढा दिया गया है।
प्रमुख सचिव एम.एस.एम.ई. श्री वी एल कान्ता राव ने बताया कि साढ़े चार लाख इकाईयां पंजीकृत हो चुकी है जिनमे माध्यम से 14 लाख लोगों को रोज़गार मिला है। उन्होने बताया कि13 विभाग एमएसएमई विभाग से से मिलकर कार्य कर रहे है। इस साल दो लाख इकाईयो का पंजीयन किया जायेगा। उन्होंने बताया कि 22 इन्क्यूबेशन केंद्र और 100 स्टार्ट अप उद्यम शुरू किये गए है।