प्रदूषण : आइएमए ने दिल्ली में घोषित किया पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी
नई दिल्ली : ठंड की शुरुआत के साथ दिल्ली में धुंध का संकट गहरा गया है. मंगलवार सुबह हालात यह हो गया कि विजेबिलिटी 500 मीटर से 200 मीटर तक सीमित हो गयी. इस कारण कामकाजी दिन में महत्वपूर्ण सड़कों पर गाड़ियां रेंगती दिखीं.
यह स्थिति सोमवार शाम से हुई है. इस कारण दिल्ली में प्रदूषण का स्तर कई गुणा बढ़ गया है और लोगों के फेफड़े में खतरनाक तत्व जा रहे हैं. मंगलवार सुबह केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड द्वारा मांपे गये वायु प्रदूषण के स्तर के अनुसार, यह खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है.
धुंध और प्रदूषण के स्तर पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी चिंता जतायी है. उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि हर साल इस समय एक महीने के लिए दिल्ली गैस चेंबर मेें तब्दील हो जाती है. उन्होंने इसका समाधान मिलजुल कर निकालने पर जोर दिया है. केजरीवाल ने कहा है कि उन्होंने दिल्ली के शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया से स्कूलों को बंद करने के संबंध में विचार करने को कहा है. यह स्थिति अगले चार-पांच दिनों तक रहने की संभावना है, ऐसे में तबतक के लिए स्कूल बंद किये जा सकते हैं.
मौसम पर काम करने वाली निजी क्षेत्र की एजेंसी स्काइमेट ने कहा है कि अगले दो-तीन दिन तक दिल्ली में ऐसे ही हालात रहेंगे और बारिश होने पर प्रदूषण की समस्या कम हो सकती है.
गहरे धुंध के कारण आज दिल्ली से 12 ट्रेनों व 20 विमानों की उड़ानें प्रभावित हुई हैं. रेल लाइन पर व एयरपोर्ट पर दृश्यता काफी कम हो गयी है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ केके अग्रवाल ने कहा है कि दिल्ली पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी में है. उन्होंने कहा है कि स्कूलों को बंद कर दिया जाना चाहिए और लोग घरों से बाहर निकलने से बचें. उन्होंने 19 नवंबर को दिल्ली में होने वाली हाफ मैराथन के भी रद्द करने की मांग की है.
वहीं, नार्दर्न रेलवे ने धुंध के कारण होने वाली स्थितियों से निबटने के लिए आवश्यक कदम उठाये हैं. नार्दर्न रेलवे का कहना है कि धुंध के कारण ट्रेनें विलंब होना स्वाभाविक है, लेकिन किसी तरह की दुर्घटना से बचने के लिए आवश्यक कदम उठाये जायेंगे. रेलवे इसके लिए डिवाइस का सहारा लेगी. दिल्ली डिविजन में 900 फॉग सेफ्टी डिवाइस एवं पूरे नाॅर्दर्न रेलवे में 2400 फॉग सेफ्टी डिवाइस की मदद ली जायेगी और हर प्रकार की ट्रेनों में इसे लगाया जायेगा.