मध्यप्रदेश का नागरिक होने पर हमें गर्व है : शिवराज
भोपाल : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश अद्भुत राज्य है। शांति का टापू है और समय-समय पर प्रदेश ने मानवता की सेवा का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है। यहाँ सभी धर्मों और समुदायों के लोग मिल-जुलकर शांतिपूर्वक रहते हैं। उन्होंने कहा कि हम सबको मध्यप्रदेश का नागरिक होने पर गर्व है। श्री चौहान आज यहाँ मंत्रालय प्रांगण में मध्यप्रदेश के स्थापना दिवस ‘मध्यप्रदेश उत्सव” कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने शासन-प्रशासन में उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रशासनिक अधिकारियों-कर्मचारियों और प्रदेश का गौरव बढ़ाने वाले खिलाड़ियों को सम्मानित किया।
श्री चौहान ने उपस्थित शासकीय अधिकारियों-कर्मचारियों और नागरिकों को मध्यप्रदेश के सर्वांगीण विकास में श्रेष्ठ योगदान देने और समृद्ध मध्यप्रदेश का निर्माण करने में निरंतर कार्य करने का संकल्प दिलाया। श्री चौहान ने नागरिकों से वैभवशाली, गौरवशाली, सम्पन्न और सशक्त मध्यप्रदेश के निर्माण में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश के विकास की चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश ने लम्बी विकास यात्रा तय की है। विगत एक दशक में प्रदेश ने विकास के हर क्षेत्र में लम्बी छलांग लगाई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की विकास दर लगातार दो अंकों में बनी हुई है। कृषि विकास दर पिछले पाँच साल में औसत बीस प्रतिशत बनी है जो पूरे विश्व में सबसे ज्यादा है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश ने कई क्षेत्रों में उत्कृष्टता के मापदण्ड स्थापित किये हैं। स्वच्छता के क्षेत्र में पूरे देश में इंदौर प्रथम और भोपाल दूसरे स्थान पर रहा। किसी समय बीमारू और पिछड़ा कहलाने वाला प्रदेश आज देश का सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाला प्रदेश बन गया है। चाहे सड़क नेटवर्क के विस्तार का क्षेत्र हो, सिंचाई रकबा बढ़ने का विषय हो या पॉवर सरप्लस बनने का विषय हो या पर्यटन-स्थलों के विकास का मामला हो सभी क्षेत्रों में प्रदेश ने अग्रणी स्थान बनाया है। महिलाओं के सशक्तिकरण में भी अभूतपूर्व कार्य किया है।
श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश के नागरिक एवं अधिकारी-कर्मचारी गर्व करने योग्य हैं। उनकी मेहनत से प्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के कल्याण के लिये भी राज्य सरकार ने कई कदम उठाये हैं। हर एक व्यक्ति का पूरा ध्यान रखा गया है। प्रत्येक का मान-सम्मान, गौरव, स्वाभिमान बढ़ाने का काम किया है। उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिये कि उत्कृष्ट काम करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को सम्मान देने के लिये प्रत्येक विभाग अपने यहाँ व्यवस्थाएँ बनायें।