न्यूजीलैंड ने भारत को 19 रन से हराया, सीरीज 2-2 की बराबरी पर
रांची. मार्टिन गुप्टिल से मिली शानदार शुरुआत और टिम साउथी की अगुवाई में गेंदबाजों के उत्कृष्ट प्रदर्शन के अलावा भारत की विराट कोहली पर अत्याधिक निर्भरता की कमजोरी से न्यूजीलैंड ने आज यहां चौथा एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच 19 रन से जीतकर पांच मैचों की श्रृंखला 2-2 से बराबर की.
इस दौरे में रन बनाने के लिये जूझ रहे मार्टिन गुप्टिल ने 84 गेंदों पर 12 चौकों की मदद से 72 रन बनाये और टाम लैथम (39) के साथ पहले विकेट के लिये 96 रन जोड़कर श्रृंखला में पहली बार टास जीतने वाले न्यूजीलैंड को अच्छी शुरुआत दिलायी. कप्तान केन विलियमसन (41) और रोस टेलर (35) ने भी कुछ योगदान दिया लेकिन भारत ने आखिरी ओवरों में अच्छी वापसी करके कीवी टीम को सात विकेट पर 260 रन ही बनाने दिये.
पिछले मैच के शतकवीर कोहली फिर से लय में दिखे लेकिन वह 45 रन ही बना पाये जिसके बाद न्यूजीलैंड ने भारतीयों पर दबाव बनाने में देर नहीं लगायी. अंजिक्य रहाणे ने 57 रन की पारी खेली जबकि अक्षर पटेल (38) और धवल कुलकर्णी (नाबाद 25) ने अपने करियर का सर्वोच्च स्कोर बनाया लेकिन इससे हार का अंतर ही कम हुआ. भारतीय टीम आखिर में 48.4 ओवर में 241 रन पर ढेर हो गयी. अब इन दोनों टीमों के बीच 29 अक्तूबर को विशाखापट्टनम में होने वाला मैच निर्णायक बन गया है.
रोहित शर्मा की वनडे श्रृंखला में खराब फार्म जारी रही. उन्होंने अब तक चार मैचों में केवल 53 रन बनाये हैं. उन्होंने ट्रेंट बोल्ट (48 रन देकर दो विकेट) पर प्वाइंट पर विश्वसनीय शाट लगाया लेकिन अगले ओवर में साउथी (40 रन देकर तीन विकेट) की आउटस्विंगर उनके बल्ले का किनारा लेकर विकेटकीपर बी जे वाटलिंग के दस्तानों में चली गयी. रहाणे कुछ देर मूड में दिखे जबकि कोहली हमेशा की तरह सदाबहार अंदाज में खेल रहे थे. रहाणे ने मैच का पहला छक्का भी लगाया. उन्होंने बोल्ट की उठती गेंद को अपर कट से प्वाइंट के उपर से छह रन के लिये भेजा.
मिशेल सैंटनर पर छक्का जड़कर कोहली जल्द ही रहाणे से आगे निकल गये, लेकिन लेग स्पिनर ईश सोढी की अतिरिक्त उछाल लेती गेंद उनके बल्ले को चूमकर विकेटकीपर के दस्तानों में चली गयी. कोहली के आउट होने पर स्टेडियम में सन्नाटा छा जाता है लेकिन यहां दर्शक तुरंत ही उत्साहित हो गये क्योंकि स्थानीय खिलाड़ी कप्तान महेंद्र सिंह धौनी लगातार दूसरे मैच में चौथे नंबर पर बल्लेबाजी के लिये उतरे. लेकिन रांची के दर्शकों को निराश होना पड़ा. धौनी ने पर्याप्त समय क्रीज पर बिताया.
इस बीच 31 गेंदें भी खेली लेकिन एक बार भी उसे सीमा रेखा तक नहीं पहुंचा पाये और 11 रन बनाकर जेम्स नीशाम (38 रन देकर दो विकेट) की गेंद पर बोल्ड हो गये. नीशाम ने अपने पिछले ओवर में रहाणे को पगबाधा आउट किया था और धोनी के अपने घरेलू मैदान पर पहली बार अंतरराष्ट्रीय मैच में आउट होने से भारत बैकफुट पर चला गया.
रहाणे ने 70 गेंदें खेली तथा पांच चौके और एक छक्का लगाया. अब उम्मीद मनीष पांडे (12) और केदार जाधव (शून्य) पर टिकी थी लेकिन साउथी ने इन दोनों को लगातार गेंदों पर आउट करके दर्शकों को निराश कर दिया जो धौनी के आउट होने के बाद ही स्टेडियम से जाने लग गये थे. पांडे का मिड आन पर लैथम ने बेहतरीन कैच लपका जबकि जाधव आफ कटर को नहीं समझ पाये और पगबाधा आउट हुए.
हार्दिंक पंड्या ने दिल्ली मैच में भारत को जीत के करीब पहुंचाया था लेकिन रन गति बढ़ाने के दबाव में उन्होंने अपना विकेट गंवा दिया. अक्षर और अमित मिश्रा (15) ने आठवें विकेट के लिये 38 रन जबकि कुलकर्णी और उमेश यादव (सात) ने दसवें विकेट के लिये रिकार्ड 34 रन जोड़कर मैच को कुछ रोमांचक बनाया लेकिन इससे परिणाम पर असर नहीं पड़ा. इससे पहले न्यूजीलैंड की पारी का पहला चरण यदि उसके बल्लेबाजों के नाम पर रहा तो आखिरी चरण में भारतीय गेंदबाजों ने दबदबा बनाया. न्यूजीलैंड का स्कोर 30 ओवर के बाद दो विकेट पर 161 रन था लेकिन आखिरी 20 ओवर में 99 रन बने जबकि अंतिम दस ओवरों में गेंद ने केवल तीन बार सीमा रेखा के दर्शन करे.
भारत को वापसी दिलाने में स्पिनरों ने अहम भूमिका निभायी. लेग स्पिनर मिश्रा (42 रन देकर दो), बायें हाथ के स्पिनर अक्षर पटेल (38 रन देकर एक) और कामचलाउ स्पिनर केदार जाधव (आठ ओवर में 27 रन) ने कसी हुई गेंदबाजी करके कुल मिलाकर 28 ओवरों में 107 रन दिये और तीन विकेट लिये. गुप्टिल और लैथम ने न्यूजीलैंड को अच्छी शुरुआत दिलायी. उमेश याद और कुलकर्णी शुरू में प्रभावित नहीं कर पाये तथा कीवी बल्लेबाजों ने इसका फायदा उठाकर कुछ करारे शाट लगाये.
लैथम के कुछ कवर ड्राइव और एक आन ड्राइव दर्शनीय था और जब लग रहा था कि वह दौरे में एक और अर्धशतक जमाने में सफल रहेंगे तब पारी के पटेल की गेंद को स्वीप करना उन्हें महंगा पड़ा जो उनके बल्ले का उपरी किनारा लेकर शार्ट फाइन लेग पर रहाणे के सुरक्षित हाथों में चली गयी. गुप्टिल को मिश्रा ने 29 और 62 रन के निजी योग पर जीवनदान दिया.
उन्होंने अपना 31वां अर्धशतक पूरा किया लेकिन इसके बाद पंड्या ने उन्हें विकेट के पीछे कैच करा दिया. जब स्कोर दो विकेट पर 184 रन था तब लग रहा था कि न्यूजीलैंड 300 रन के करीब पहुंच जाएगा. मिश्रा ने ऐसे में विलियमसन और नीशाम (छह) को लगातार ओवरों में आउट करके न्यूजीलैंड को परेशानी में डाला. कुलकर्णी ने वाटलिंग (14) के रुप में अपना एकमात्र विकेट लिया और फिर धौनी के साथ मिलकर टेलर को आउट करवाने में अहम भूमिका निभायी. टेलर दूसरे रन के लिये दौडे लेकिन धौनी ने कुलकर्णी का थ्रो हाथ में आते ही बिना देखे विकेटों पर मार दिया. सैंटनर 17 और साउथी नौ रन बनाकर नाबाद रहे.