रोहिंग्या विस्थापितों के लौटने पर सामान्य हो सकते हैं हालात : सुषमा
म्यांमार : अपने दो दिवसीय दौरे पर रविवार को ढाका पहुंची विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बांग्लादेश के साथ आतंकवाद की साझा चुनौतियों पर बातचीत की। इस दौरान दोनों देशों ने आतंकवाद के स्रोत के खिलाफ एक साथ लड़ने पर प्रतिबद्धता जताई।
रोहिंग्या मसले पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि म्यांमार के रखाइन प्रांत में हुई हिंसा को लेकर भारत काफी चिंतित है। हम यहां लोगों के वापस लौटने और उनके कल्याण की आशा करते हैं।
साथ ही अपील करते हैं कि स्थिति को संभालने में संयम बरता जाए। यह साफ है कि रखाइन से भागे लोगों (रोहिंग्या) की वापसी पर ही वहां हालात सामान्य होंगे। उन्होंने कहा कि केवल सामाजिक-आर्थिक और बुनियादी ढांचे के विकास से ही रखाइन प्रांत की मौजूदा समस्या का दीर्घकालिक समाधान होगा।
चौथे संयुक्त सलाहकार आयोग के तहत बांग्लादेशी पक्ष के साथ बातचीत के बाद सुषमा ने कहा कि दोनों देशों ने अपने समाज को नफरत की विचारधाराओं के खतरे से बचाने का संकल्प लिया है।
साथ ही हिंसा, चरमपंथ और आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए इनके खिलाफ सभी स्तरों पर लड़ने को लेकर दोनों देश प्रतिबद्ध हैं।
उन्होंने कहा कि हमने रविवार को आतंकवाद, चरमपंथ और कट्टरता जैसी साझा चुनौतियों पर चर्चा की जो हमारे सामने मौजूद हैं। हम समान विचारधारा वाले देशों के साथ मिलकर इन बुराइयों के खिलाफ लड़ना जारी रखेंगे।
सुषमा ने कहा कि विकास के दृष्टिकोण से भारत बांग्लादेश का विश्वसनीय सहयोगी है। बांग्लादेश के लिए भारत अब तक कर्ज की रकम को आठ अरब डॉलर बढ़ा चुका है।
यह राशि दुनिया में भारत द्वारा किसी देश के लिए अब तक की सबसे बड़ी विकास सहायता है। उन्होंने कहा कि भारत बांग्लादेश में छोटे सामाजिक-आर्थिक परियोजनाओं के लिए भी अनुदान सहायता बढ़ा रहा है।
बता दें कि विशेष विमान से रविवार को ढाका के बंगबंधु हवाई अड्डा पहुंचने पर बांग्लादेश के विदेश मंत्री एएच मुहम्मद अली ने सुषमा स्वराज की अगुवानी की।