नवाज शरीफ के बेटों को अदालत में पेश होने के लिए 30 दिन की मोहलत
लाहौर : पाकिस्तान में अयोग्य करार दिए जाने के बाद प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके नवाज शरीफ के बेटों को पनामा पेपर्स मामले में इस्लामाबाद की जवाबदेही अदालत में पेश होने के लिए 30 दिन का समय दिया गया है।
अगर वे अदालत में पेश नहीं होते हैं तो उन्हें भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया जाएगा। हसन और हुसैन ब्रिटेन में अपनी बीमार मां कुलसुम के पास है। राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के अनुसार अगर हसन और हुसैन भ्रष्टाचार और धन शोधन के तीन मामलों में जवाबदेही अदालत के समक्ष 30 दिन के भीतर पेश नहीं होते तो रेड वारंट भेजने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
अदालत, पनामा पेपर्स मामले में हुसैन और हसन के साथ उनके पिता नवाज शरीफ, बहन मरियम और जीजा कैप्टन (सेवानिवृत) मुहम्मद सफदर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर एनएबी द्वारा दायर भ्रष्टाचार के मामले में सुनवाई कर रही है।
एनएबी ने कहा कि उन्हें अदालत के समक्ष पेश होने के लिए 30 दिन (10 नवंबर) तक की समयसीमा दी जाती है और नोटिस की प्रतियां शरीफ परिवार के मॉडल टाउन और जती उमरा रायंिवड आवासों पर चस्पां कर दी गई हैं। उसने कहा कि अगर शरीफ के बेटे समयसीमा के भीतर पेश होने में विफल रहे तो उन्हें भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया जाएगा और उनकी संपत्ति कुर्क कर ली जाएगी।