बेटियां ‘बेचारी’ नहीं, इनको सलाम : नीतीश
पटना : शराबबंदी को सफलतापूर्वक लागू कर देश में उदाहरण पेश करने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जब दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ हाथ उठाया तो पूरा प्रदेश खड़ा हो गया.
कदम से कदम मिलाकर इस महाअभियान में लोगों ने साथ देना का वादा किया. इसका गवाह न सिर्फ पटना का सम्राट अशोक कन्वेंशन हॉल बना, बल्कि हर जिला मुख्यालयों से भी हजारों लोगों ने संकल्प लेकर अभियान को सफल बनाने का वादा किया. सोमवार को जब पूरा देश गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती मना रहा था, उस समय पटना में एक और महाअभियान का आगाज हो रहा था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित प्रमुख मंत्रियों, विभिन्न विभागों के आला अधिकारियों, विभिन्न स्थानों से यहां पहुंचे आम जन के बीच समाज के लिए नासूर बन गये दहेज प्रथा और बाल विवाह के खात्मे की शपथ ली गयी. दोपहर करीब डेढ़ बजे सम्राट अशोक कन्वेंशन हॉल में मुख्यमंत्री स्वयं संकल्प लेने खड़े हुए तो खचाखच भरे हॉल में अनगिनत हाथ खड़े हो गये.
नीले और सफेद गुब्बारों से सजे हॉल के बीच सफेद टोपी पहनकर पांच हजार महिलाओं व पुरुषों ने एक स्वर में दहेज प्रथा और बाल विवाह को जड़ से मिटाने की शपथ ली.
शपथ लेने वालों में विधानसभा के स्पीकर विजय कुमार चौधरी, बिहार विधान परिषद के उप सभापति हारुण रशीद, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, समाज कल्याण मंत्री कुमारी मंजू वर्मा, नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा, शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन प्रसाद वर्मा, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, भवन निर्माण मंत्री महेश्वर हजारी, पंचायती राज मंत्री कपिलदेव कामत, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव अतुल प्रसाद, विकास आयुक्त शिशिर कुमार सिन्हा, परिवहन विभाग के प्रधान सचिव ब्रजेश मल्होत्रा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन, महिला विकास निगम की प्रबंध निदेशक डॉ एन विजयलक्ष्मी, समाज कल्याण विभाग के अपर सचिव सुनील कुमार आदि शामिल थे.
नीतीश ने यह भी आह्वान किया कि ऐसी किसी भी शादी में शामिल होने से परहेज करें, जो बाल विवाह हो या दहेज लेकर हो रही हो. महिला बाल विकास, शिक्षा, नगर विकास, पंचायती राज सहित कई विभागों की साझेदारी में इस अभियान को सफल बनाने का संकल्प लिया गया. जिला मुख्यालयों को लाइव वेबकास्टिंग से जोड़ा गया था. सीएम ने संदेश दिया कि इस नये अभियान से यह कतई न समझा जाये कि नशामुक्ति अभियान में कोई ढील दी गयी है.