छोटे-छोटे कदम उठा बड़ा लक्ष्य हासिल करें : सुशील मोदी
पटना : जलवायु परिवर्तन आज पूरी दुनिया के लिए बड़ी चुनौती है. प्राकृतिक आपदाओं का यह बड़ा कारण है. समुद्र से होने वाले नुकसानों को छोड़कर बिहार में हर तरह की आपदाएं आती हैं. साल 2005 से 2016 तक राज्य में चार हजार लोग और 42 हजार पशुओं की बाढ़ से मौत हो चुकी है.
करीब 14 लाख मकान ध्वस्त हुए हैं और 1781 करोड़ रुपये की फसल का नुकसान हुआ है. किशनगंज और अररिया में बाढ़ नहीं आता था, लेकिन वहां इस साल बाढ़ आया.
इसके निदान और बड़ा लक्ष्य हासिल करने के लिए हमें छोटे-छोटे कदम उठाने की जरूरत है. उक्त बातें उपमुख्यमंत्री सह वन एवं पर्यावरण मंत्री सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को कहीं. वे सेंटर फॉर एन्वायरामेंट, आद्री के इनर्जी एंड क्लाइमेट चेंज, एक्ट-सीसीआईपी, डीएफआईडी-यूके और केंद्र व प्रदेश सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि समाज के संपन्न लोग ही कार्बन का उत्सर्जन कर रहे हैं. इससे पर्यावरण को खतरा है. यदि हम अपनी जीवनशैली में बदलाव करें तो छोटी-छोटी चीजों से बड़ा फायदा हो सकता है. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि एक जून 2017 में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पेरिस समझौते से अपने को अलग कर लिया.
वहीं, प्रदेश के ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि दुनिया के शक्तिशाली देश जो सबसे ज्यादा पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं वही पीछे हट रहे हैं. उन्हें ज्यादा जिम्मेदारी लेनी चाहिए. पर्यावरणविदों ने कहा कि इन दिनों सबसे ज्यादा नुकसान फसलों को हो रहा है.
बिहार में पर्यावरण परिवर्तन अनुकूलन संबंधी उपायों पर साथ काम करने के लिए ‘एक्ट’ की प्रबंधक क्रस्टिीना रंबाइतिस देल रियो और आद्री की कोषाध्यक्ष डॉ सुनीता लाल ने समझौता पर हस्ताक्षर किये. आद्री के सदस्य सचिव डॉ शैबाल गुप्ता ने अतिथियों का स्वागत किया और आद्री के निदेशक प्रोफेसर प्रभात पी. घोष ने जलवायु परिवर्तन अनुकूलन संबंधी किए जाने वाले कार्यक्रमों की पृष्ठभूमि और उद्देश्यों के बारे में बताया.