BHU के प्रॉक्टर का इस्तीफा, VC से छीने अधिकार
वाराणसी। बीएचयू मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। लाठीचार्ज को लेकर बयान देने वाले यूनिवर्सिटी के कुलपति गिरीश चंद्र त्रिपाठी के खिलाफ एक्शन लेते हुए उनके सारे अधिकार छीन लिए गए हैं वहीं चीफ प्रॉक्टर ने घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद से इस्तीफा दे दिया है। प्रॉक्टर ओंकारनाथ सिंह का इस्तीफा मंजूर भी हो गया है।
यूनिवर्सिटी के वीसी त्रिपाठी का कार्यकाल 26 नवंबर को पूरा हो रहा है कि और उन्होंने अभी इस्तीफा नहीं दिया है। इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि काशी हिदू विश्र्वविद्यालय (बीएचयू) की घटना के लिए अराजक तत्व जिम्मेदार हैं। प्रदेश सरकार उनसे पूरी सख्ती से निपटेगी।
बता दें कि कमिश्नर ने मंगलवार को ही मामले की जांच रिपोर्ट सौंपी थी और उसमें पूरी घटना के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया था। यूपी के मुख्य सचिव राजीव कुमार को सौंपी रिपोर्ट में वाराणसी के कमिश्नर ने बीएचयू प्रबंधन पर सवाल खड़े किए हैं।
अपनी रिपोर्ट में उन्होंने इस कार्रवाई के लिए बीएचयू प्रबंधन को जिम्मेदार माना है। रिपोर्ट में वाराणसी कमिश्नर ने लिखा है कि यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने पीड़ित लड़कियों की सुनवाई ठीक से नहीं की। वहीं हालात को भांपने में भी प्रबंधन चूक गया।
आपकों बता दें कि बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में पिछले कुछ दिनों से छेड़छाड़ के मुद्दे पर छात्राएं प्रदर्शन कर रही हैं। शनिवार देर रात छेड़खानी के विरोध में धरने पर बैठी छात्राओं को हटाने के लिए वाराणसी पुलिस ने बल प्रयोग किया था और उन्हें जबरन वहां से हटाया गया था।
लाठीचार्ज की सूचना पाकर कवरेज के लिए बीएचयू पहुंचे पत्रकारों की भी जमकर पुलिस ने पिटाई की थी। पुलिसकर्मियों पर आरोप हैं कि पिटाई के बाद उन्होंने घायल पत्रकारों के अलावा छात्राओं को बीएचयू के ट्रॉमा सेंटर में इलाज तक के लिए नहीं जाने दिया। इसके बाद से कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दल इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश में लगे हुए हैें।