कारों पर जीएसटी का नया ऐलान
नई दिल्ली: हैदराबाद में हुई जीएसटी काउंसिल की 21वीं बैठक के बाद कारों पर लगने वाले सेस पर स्थिति साफ़ हो गई है. हाल में गाड़ियों पर लगने वाले 28 फ़ीसदी जीएसटी पर बड़ी गाड़ियों के लिए सेस में दस फ़ीसदी बढ़ोत्तरी तक की योजना थी, यानी मौजूदा 15 फ़ीसदी से बढ़ाकर 25 फ़ीसदी. इसके पीछे एक तर्क था जीएसटी की वजह से लग्ज़री कारों की क़ीमतों भारी गिरावट, जिसे 25 फ़ीसदी सेस के साथ पुरानी क़ीमतों पर लाने की सोच रखी गई. बढ़े हुए सेस से मिडसाइज़ सेडान बनाने वाली कंपनियों को टेंशन हो गया था जो दरअसल लग्ज़री कारें तो नहीं होतीं पर कैटगरी के हिसाब से उनकी क़ीमतें बढ़ जाती.
9 सितंबर को जीएसटी काउंसिल में इसी मुद्दे पर चर्चा हुई और अब कार कंपनियों को उस बढ़ोत्तरी से राहत मिली है. जीएसटी काउंसिल के फ़ैसले के हिसाब से बड़ी लक्जरी कारों पर सेस को 15 फ़ीसदी से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है. अब लग्ज़री कारों पर कुल 50 फ़ीसदी टैक्स लगेगा. एसयूवी पर अब सेस 15 फ़ीसदी से बढ़कर 22 फ़ीसदी होगा, यानी कुल टैक्स 43 से बढ़कर 50 फ़ीसदी. मिडसाइज़ सेडान कारों पर सेस 15 की बजाय 17 फ़ीसदी किया गया है, यानी कुल टैक्स 45 फ़ीसदी.
साथ में ये भी साफ़ किया गया है कि हाइब्रिड कारों पर भी सेस जस का तस है, उसे भी घटाया-बढ़ाया नहीं गया है. उन कारों पर 43 फ़ीसदी टैक्स ही लगेगा. वहीं 4 मीटर से छोटी 1200 सीसी तक की पेट्रोल कारों पर 29% और 1500 सीसी तक की डीज़ल कारों पर 31% जीएसटी ही लगेगा. सेस पहले जैसा ही रहेगा, कोई तब्दीली नहीं होगी.
इस ऐलान के बाद जहां कार कंपनियों को राहत मिली वहीं लग्ज़री कार कंपनियों में निराशा भी है. जैगुआर लैंड रोवर-इंडिया के प्रेसिडेंट और एमडी रोहित सूरी कहते हैं, “हमें ख़ुशी है सरकार और GST काउंसिल ने हमारी चिंताओं पर ध्यान दिया और सेस में बहुत ज़्यादा बढ़ोत्तरी नहीं की.”
मर्सेडीज़ बेंज़ इंडिया के एमडी और सीईओ रोलंड फ़ॉल्गर ने कहा, “…लग्ज़री कार सेगमेंट पर टैक्स में बढ़ोत्तरी से कमाई पर बुरा असर पड़ेगा और क़ीमतों में बढ़ोत्तरी से मांग में गिरावट आएगी..”
इन ऐलान के बाद ये तो साफ़ हुआ कि हाइब्रिड पर रुख़ में बदलाव नहीं किया गया है, वहीं ग्राहक उम्मीद कर सकते हैं कि इन ऐलानों के बाद क़ीमतों के हिसाब से चली आ रही उहापोह ख़त्म हो जाएगी.