अभा अखाड़ा परिषद ने जारी की फर्जी बाबाओं की सूची

अभा अखाड़ा परिषद ने जारी की फर्जी बाबाओं की सूची
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इलाहाबाद। हरियाणा के डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को साध्वी से दुष्कर्म मामले में सजा मिलने के बाद हिंदू धर्मगुरुओं के चरित्र पर सवाल उठने पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद आगे आया। अखाड़ा परिषद ने आज संगमनगरी में विशेष बैठक में 14 फर्जी बाबाओं की सूची जारी की है। इनमें डेरा सच्चा सौदा के गुरमीत राम रहीम, राधे मां, आसाराम बापू व निर्मल बाबा सहित 14 के नाम हैं।

इलाहाबाद के बाघंबरी मठ में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की विशेष बैठक में 13 अखाड़ा के 26 संत शामिल थे। आज पहले 11 फर्जी बाबा की सूची को सार्वजनिक किया गया। इसके बाद इसमें तीन नाम को और जोड़ा गया। इस बैठक में उनके सामूहिक बहिष्कार का भी फैसला किया गया।

हरियाणा के सिरसा के डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को दुष्कर्म मामलों में 20 वर्ष की जेल की सजा होने के बाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने 14 बाबाओं को फर्जी मानते हुए उनकी सूची तैयार की है। इस सूची में आसाराम तथा उसके पुत्र नारायण सांई, राधे मां व निर्मल बाबा के भी नाम थे। आज इनके नाम पर मुहर लग गई। मठ बाघंबरी गद्दी में अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों की बैठक में 14 फर्जी बाबाओं की सूची जारी कर उनके बहिष्कार का एलान कर दिया गया।

इन बाबाओं में आसाराम, गुरमीत राम रहीम और राधे मां का नाम प्रमुख है। साथ ही स्वयंभू शंकराचार्यों का भी बहिष्कार करके उन्हें किसी धार्मिक पर्व पर सरकारी सुविधा व मान्यता न दिए जाने का प्रस्ताव बनाकर केंद्र व प्रदेश सरकार को भेजने पर सहमति बनी। इसके अलावा वर्ष 2019 में प्रयाग में अर्धकुंभ से पहले इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर उसे सरकारी अभिलेखों में दर्ज करने की मांग हुई। परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की अध्यक्षता में हुई बैठक में महामंत्री महंत हरि गिरि ने फर्जी बाबाओं के नाम का प्रस्ताव रखा। महंत प्रेम गिरि ने 14 नामों की घोषणा की।बैठक के बाद परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का कहना है कि फर्जी धर्मगुरुओं से सनातन धर्म के स्वरूप को काफी नुकसान पहुंचा है।

इन बाबाओं में आसाराम, गुरमीत राम रहीम और राधे मां का नाम प्रमुख है। साथ ही स्वयंभू शंकराचार्यों का भी बहिष्कार करके उन्हें किसी धार्मिक पर्व पर सरकारी सुविधा व मान्यता न दिए जाने का प्रस्ताव बनाकर केंद्र व प्रदेश सरकार को भेजने पर सहमति बनी। इसके अलावा वर्ष 2019 में प्रयाग में अर्धकुंभ से पहले इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर उसे सरकारी अभिलेखों में दर्ज करने की मांग हुई। परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की अध्यक्षता में हुई बैठक में महामंत्री महंत हरि गिरि ने फर्जी बाबाओं के नाम का प्रस्ताव रखा। महंत प्रेम गिरि ने 14 नामों की घोषणा की।बैठक के बाद परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का कहना है कि फर्जी धर्मगुरुओं से सनातन धर्म के स्वरूप को काफी नुकसान पहुंचा है।

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