मोदी मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं ये 9 चेहरे

मोदी मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं ये 9 चेहरे
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को अपनी कैबिनेट में तीसरी बार फेरबदल करेंगे। इसके बाद उनके मंत्रिमडल ने 9 नए चेहरे शामिल किए जा सकते हैं। विस्तार रविवार की सुबह राष्ट्रपति भवन में दस बजे होगा। वहीं एक सप्ताह के अंदर भाजपा केंद्रीय संगठन में भी बड़ा बदलाव हो सकता है।

शुक्रवार की रात संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बीच इस बाबत मशविरा की जानकारी दी जा रही है।

कैबिनेट फेरबदल का आधार गुरुवार की शाम ही तैयार हो गया था। भाजपा के छह मंत्रियों का इस्तीफा हो चुका है। महेंद्र नाथ पांडे को जहां उत्तर प्रदेश भाजपा की कमान दी जा चुकी है। वहीं राजीव प्रताप रूड़ी, संजीव बालियान और फग्गन सिंह कुलस्ते को टीम मोदी से हटाकर टीम शाह में जगह मिलेगी। उन्हें संगठन के अंदर जिम्मेदारी दी जाएगी।

केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्रा को जल्द ही किसी प्रदेश में राज्यपाल की जिम्मेदारी मिलेगी। जबकि श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रय को आंध्र प्रदेश व तेलंगाना में सक्रिय होने को कहा जाएगा। उसी लिहाज से जिम्मेदारी भी तय की जाएगी। रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने भले ही इस्तीफे की पेशकश कर दी है लेकिन माना जा रहा है कि विभाग में बदलाव के साथ वे मंत्रिमंडल में बने रहेंगे।

नए मंत्रियों के रूप में जिन नामों की अटकल है उसमें महाराष्ट्र से विनय सहस्त्रबुद्धे, मध्य प्रदेश से प्रहलाद पटेल, कर्नाटक से प्रहलाद जोशी या सुरेश आंगड़ी, गुजरात से डॉ. भारती धीरूभाई, पश्चिम बंगाल से रूपा गांगुली का नाम शामिल है।

अधिकतर मंत्रियों के नामों पर फैसला राज्यों में आगामी चुनाव और जातिगत संतुलन के लिहाज से किए जा रहे हैं। हिमाचल और उत्तराखंड से भी एक एक मंत्री बनाए जा सकते हैं। इसके अलावा जदयू और अन्नाद्रमुक के कोटे से दो दो और शिवसेना से एक मंत्री बनाए जाने की संभावना है। इन दलों को शनिवार की सुबह तक मंत्री पद के लिए नाम भेजने को कहा गया है।

बताया जा रहा है कि कैबिनेट विस्तार के अगले चार पांच दिनों के अंदर ही संगठन का भी बहुप्रतीक्षित विस्तार हो जाएगा। मंत्रिमंडल से हटाए गए कुछ मंत्रियों को संगठन में महत्वपूर्ण पद मिलेगा। ध्यान रहे कि महासचिव पद पर भी दो सीटें रिक्त हैं। जबकि संविधान के अनुसार उपाध्यक्ष पद पर शाह अभी छह और लोगों को नियुक्त कर सकते हैं। इसमें दक्षिणी और पूर्वी राज्यों का संतुलन साधने की कोशिश होगी।

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