एक हजार करोड़ के सृजन घोटाला की, CBI जांच की मांग
भागलपुर। नित नए पर्दाफाश के बाद सृजन घोटाले की राशि लगातार बढ़ती ही जा रही है। अब तक लगभग एक हजार करोड़ रुपये के घोटाले की बात सामने आ चुकी है। भागलपुर जिले में अब तक की जांच में 802 करोड़ रुपये का गबन प्रकाश में आया, जबकि सृजन संस्था ने सहरसा के विशेष भू-अर्जन विभाग से 162 करोड़ रुपये की फर्जी तरीके से निकासी की। इसके बाद अब प्रदेश के तमाम एनजीओ की सीबीआई जांच कराने की मांग को लेकर बुधवार को पटना हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है।
भागलपुर व सहरसा की राशि जोड़ने के बाद यह आंकड़ा 964 करोड़ हो जाता है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सख्त चेतावनी दी है कि आरोपी कोई भी हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा। इस मामले में पुलिस ने बुधवार को जिला कल्याण पदाधिकारी अरुण कुमार को जेल भेज दिया। उधर, बैंक ऑफ बड़ौदा के क्लर्क अतुल को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
जबकि मंगलवार को जिला कल्याण विभाग के नाजिर महेश मंडल और सृजन संस्था की संचालक रहीं मनोरमा देवी के ड्राइवर विनोद मंडल को जेल भेजा गया था। इस मामले में पहले ही नौ लोग जेल भेजे जा चुके हैं। अब तक जेल भेजे जाने वालों की संख्या 10 हो गई है। आर्थिक अपराध इकाई और जिला पुलिस की टीम ने मंगलवार और बुधवार को घंटों सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक में छापेमारी कर महत्वपूर्ण कागजात खंगाले और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए। टीम ने बैंक ऑफ बड़ौदा में पूरे दिन कागजातों की जांच की।
हाई कोर्ट में याचिका दायर, सीबीआई जांच की मांग
सृजन घोटाले के बाद प्रदेश के तमाम एनजीओ की सीबीआई जांच कराने की मांग को लेकर बुधवार को पटना हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। अधिवक्ता मणि भूषण प्रताप सेंगर की तरफ से दायर इस याचिका में हाई कोर्ट को जानकारी दी गई है कि सृजन के तारभागलपुर, सहरसा और अररिया तक जुड़े हैं। आशंका है कि पुलिस जांच केवल भागलपुर तक ही सीमित रह जाएगी। इस लिए इन तीनों जिलों में कम से कम 10 साल पीछे तक की जांच कराई जानी चाहिए।