जगह नहीं मिलने से जीतनराम मांझी नाराज
पटना :बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने शनिवार को अपना मंत्रिमंडल विस्तार किया. राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी ने राजभवन में 27 विधायकों को मंत्री पद और गोपानीयता की शपथ दिलाई. नीतीश मंत्रिमंडल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कोटे से 11, जनता दल (यूनाइटेड) से 14 और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) से एक विधायक को जगह दी गई है. वहीं, इन सबके बीच हम पार्टी के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने से नाराज हैं.
हम पार्टी के अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने नीतीश सरकार के मंत्रिमंडल में राम विलास पासवान के भाई पशुपति नाथ पारस को शामिल किए जाने पर नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार में सबसे पहले हमारा हक था. हमें कमजोर समझकर सताया गया है. मांझी ने कहा कि जो पहलवान है उसको घी, दूध, मलाई दिया जा रहा है, लेकिन जो कमजोर है, उसे कुछ भी नहीं दिया गया. आखिर एक ही गठबंधन में दो पार्टियों के साथ अलग-अलग रवैया क्यों अपनाया जा रहा है.
गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने 26 जुलाई की शाम को बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर महागठबंधन से नाता तोड़ने का ऐलान किया था. इसके अगले दिन नीतीश ने बीजेपी के समर्थन से छठी बार बिहार सीएम पद की शपथ ली. 28 जुलाई यानि शुक्रवार को नीतीश ने 131 विधायकों के समर्थन के साथ बिहार विधानसभा में बहुमत साबित किया. शुक्रवार को बिहार विधानसभा में विश्वास मत के दौरान सरकार के पक्ष में 131 वोट पड़े, वहीं ख़िलाफ़ में 108 वोट. विश्वास मत पर बहस के दौरान तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर बीजेपी की गोद में बैठ जाने का आरोप लगाया तो वहीं नीतीश ने कहा कि देश का कोई नेता उनको धर्मनिरपेक्षता का पाठ नहीं पढा सकता है.