राष्ट्रपति चुनाव को लेकर किसानों के मुद्दे पीछे छूटे : नितीश

राष्ट्रपति चुनाव को लेकर किसानों के मुद्दे पीछे छूटे : नितीश
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पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मौजूदा समय में देश में सिर्फ ‘रिएक्टिव एजेंडे (प्रतिक्रियात्मक बातें)’ की ही चर्चा हो रही है. किसी तरह के अल्टरनेटिव (वैकल्पिक) एजेंडे पर बात नहीं हो रही है. सिर्फ एकता की बात करने से ही काम नहीं चलेगा. विपक्ष को एक मजबूत वैकल्पिक एजेंडा तय करने की जरूरत है. जनता के सामने एक वैकल्पिक एजेंडा प्रस्तुत करने की जरूरत है.

मुख्यमंत्री सोमवार को एक अण्णे मार्ग स्थित सीएम हाउस में बने लोक संवाद भवन में आयोजित लोक सुझाव कार्यक्रम में आम जन से सुझाव प्राप्त करने के बाद पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे. पीएम पद के उम्मीदवार के मामले पर नीतीश कुमार ने दो टूक कहा कि ‘आइ एम नॉट ए फेस ऑफ पीएम (मैं पीएम पद का उम्मीदवार नहीं हूं)’ और न ही मुझमें इसके लिए क्षमता है और इसकी कोई इच्छा. उन्होंने किसी दल विशेष का नाम तो नहीं लिया, लेकिन उनकी बातों से स्पष्ट हो गया कि वे कांग्रेस की तरफ इशारा कर रहे थे.

हाल में कांग्रेस के कुछ शीर्ष नेताओं ने उनके खिलाफ जो बयानबाजी की थी, उसको लेकर पूछे गये प्रश्न का वे जवाब दे रहे थे. उन्होंने कहा कि राज्य में महागठबंधन के सभी घटक दलों की आपसी एकता अटूट है. जिसे जो अंदाजा लगाना है या जो समझना है, वह स्वतंत्र है. राज्य में महागठबंधन की सरकार जनहित से जुड़े कार्यक्रमों को लागू करने में पूरी तरह से लगी हुई है. उन्होंने राजद की अगस्त में होने वाली रैली पर कहा कि अनौपचारिक न्योता मिल चुका है. इसमें किसी तरह का कन्फ्यूजन नहीं है.

सीएम ने वैकल्पिक एजेंडे से जुड़ा उदाहरण देते हुए कहा कि 2015 के चुनाव के दौरान हमारे महागठबंधन के सभी दलों ने जनता के सामने जबरदस्त एकता और वैकल्पिक एजेंडा प्रस्तुत किया था. विधानसभा की सभी 243 सीटों पर सभी घटक दलों ने एक साथ सभी उम्मीदवारों की सूची जारी की थी. इसी का नतीजा है कि चुनाव में जबरदस्त जीत हासिल हुई.

दूसरी तरफ एनडीए गठबंधन के घटक दलों में एकता तो थी, लेकिन उनके पास कोई वैकल्पिक एजेंडा नहीं था. उनकी एकता जनता के सामने नहीं दिखी. सभी घटक पार्टियों ने उम्मीदवारों की अलग-अलग सूची जारी की थी. इस कारण उन्हें हार का सामना करना पड़ा. गठबंधन और एकता से सिर्फ काम नहीं चलेगा, बल्कि इसके साथ एक वैकल्पिक एजेंडा भी होना चाहिए. हमारी सरकार इधर-उधर की फालतू बातों में समय बरबाद करने के बजाय जनता के बीच अपना एजेंडा पहुंचाने में ज्यादा समय लगाती है.

राष्ट्रपति चुनाव के मुद्दे पर इतनी राजनीति गरमायी िक किसानों के मुद्दे पीछे छूटे

सीएम  ने कहा कि देश में राष्ट्रपति चुनाव के मुद्दे पर इतनी ज्यादा राजनीति  गरमा गयी है कि किसानों के हितों से जुड़े मुद्दे पीछे छूट गये हैं.  यह  बेहद ही दुख की बात है. राष्ट्रपति चुनाव को इतना ज्यादा हाइलाइट कर दिया  गया है कि तमाम अहम मुद्दे पीछे छूट गये हैं. ऐसे में जनता के सामने एक  वैकल्पिक एजेंडे की जरूरत है. जनहित और देशहित के मुद्दे पर जनता के सामने  बात रखनी चाहिए.

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