सुकमा : मुठभेड़ में दो जवान शहीद, दर्जन भर नक्सली ढेर
सुकमा। नक्सलियों का गढ़ कहे जाने वाले रेड काॅरिडोर में पहली बार सुरक्षा बलों ने घुसकर माओवादियों को चुनौती दी है। भेज्जी व चिंतागुफा का दक्षिणी इलाका नक्सली मीलिट्री बटालियन का हेडक्वाटर माना जाता है। जहां जवानों ने शनिवार को दस्तक ही नहीं दी, बल्कि कुख्यात नक्सली लीडर हिड़मा के चक्रव्यूह को भेदने में कामयाब हुए हैं।
चिंतागुफा व भेज्जी के जंगलों में शनिवार को तीन से चार बार सुरक्षा बलों का सामना नक्सलियों से हुआ। सुबह टोण्डामरका के पास हुए मुठभेड़ में एसटीएफ के पांच जवान घायल हो गये, जिन्हें हेलीकॉप्टर से रायपुर रेफर किया गया है। वहीं देर शाम एलमागुण्डा के पास वापस लौट रही पार्टी पर घात लगाए नक्सलियों ने हमला कर दिया। जवाबी कार्रवाई में जवानों ने भी नक्सलियों का डटकर मुकाबला किया। इस मुठभेड़ में डीआरजी के दो जवान शहीद हो गए। वहीं 4 जवान गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।
जानकारी के अनुसार भेज्जी के कोत्ताचेरू व बुरकापाल में घटित नक्सली घटना के बाद पुलिस व सीआरपीएफ के आलाधिकारियों की समीक्षा बैठकों को दौर लगातार चल रहा है। हाल ही में एक बैठक में आंतरिक सुरक्षा सलाहकार के विजय कुमार ने नक्सल मोर्चे पर नई रणनीति के तहत बारिश में बड़े ऑपरेशन चलाने का फैसला लिया था। जिसमें डीआरजी, सीआरपीएफ, कोबरा, एसटीएफ व जिला बल की संयुक्त पार्टी शामिल रहेगी। इसी रणनीति के तहत शनिवार को बड़ा ऑपरेशन लांच किया गया था। एलमागुण्डा इलाके में नक्सली बटालियन हेड हिड़मा, सीतू, सोना समेत बड़ी संख्या में माओवादियों की उपस्थिति की सूचना मिली थी। जिस पर चिंतागुफा, कांकेरलंका व भेज्जी से जवानों की अलग-अलग टुकड़ियां मौके के लिए रवाना की गई। जिसकी भनक नक्सलियों को लग गई।
(साभार : EENADU INDIA)