बिहार की बेटी को हारने के लिए बनाया उम्मीदवार : नीतीश
पटना : जदयू राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन देने के फैसले से पीछे नहीं हटेगा. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे साफ कर दिया है.
राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर राजद और जदयू के बीच तल्खी के बाद शुक्रवार को लालू प्रसाद के आवास पर आयोजित इफ्तार पार्टी में मुख्यमंत्री शामिल हुए. इफ्तार के बाद जब लालू के आवास के बाहर निकले, तो उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए बिहार की बेटी मीरा कुमार का चयन हारने के लिए किया गया है.
अगर बिहार की बेटी के प्रति इतना ही सम्मान था, तो यूपीए के पास पहले भी दो मौके थे, लेकिन उस समय यह याद नहीं आया. एनडीए प्रत्याशी रामनाथ कोविंद की जीत सुनिश्चित है, तो बिहार की बेटी को उम्मीदवार बना रहे हैं. मीरा कुमार के प्रति हमारा पूरा सम्मान है. बिहार की बेटी से मुझे भी गर्व की अनुभूति होती है. मंत्री व स्पीकर रहते हुए उन्होंने बहुत अच्छा काम किया है. इसमें कोई अलग राय नहीं है, लेकिन क्या बिहार की बेटी का चयन हारने के लिए किया गया है? बिहार की बेटी का चयन, तो जीतने के लिए करना चाहिए था.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस फैसले से विपक्षी दलों ने 2019 की जीत की रणनीति बनाने के बजाय हार से शुरुआत की है. यह 2019 की जीत की रणनीति नहीं, बल्कि तात्कालिक रूप से हार की रणनीति है. विपक्षी दलों को इस पर सोचना चाहिए. साथ ही 2019 की जीत की रणनीति बनानी चाहिए और फिर 2022 में बिहार की बेटी को राष्ट्रपति बनाना चाहिए. यह कौन-सी रणनीति है कि जिसका परिणाम क्या होगा, सबको मालूम है? ऐसी रणनीति को हम व्यावहारिक नहीं मानते हैं. रणनीति ऐसी बनती है, जिसका नतीजा ठीक हो. विपक्षी एकता के लिए बड़े विपक्षी दलों को ही प्रयास करना चाहिए, ताकि 2019 में जीत सुनिश्चित हो सके.
मुख्यमंत्री ने कहा कि एनडीए प्रत्याशी घोषित करने के पहले ही दिन लालू प्रसाद, सोनिया गांधी व सीताराम येचुरी को अपनी भावना बता दी थी. हमारी भावना बहुत स्पष्ट थी और इसकी वजह है कि बिहार के राज्यपाल के रूप में रामनाथ कोविंद की भूमिका सराहनीय रही है. उन्होंने
निष्पक्षता के साथ काम किया और बिहार के राज्यपाल सीधे राष्ट्रपति बनने जा रहे, यह बिहार के लिए सम्मान की बात है.