मिस्र में 26 ईसाइयों की गोली मारकर हत्या
काइरो। मिस्र में ईसाई समुदाय पर बड़ा हमला किया गया है। नकाबपोश अज्ञात बंदूकधारियों ने ईसाइयों को ले जा रही दो बस और एक ट्रक को बीच रास्ते रोक कर उन पर अंधाधुंध फायरिग शुरू कर दी।
इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई, जबकि 25 अन्य घायल हैं। अभी तक किसी आतंकी संगठन ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है। राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी ने हमले की आलोचना की है।
यह घटना मिनया प्रांत की है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक ईसाई समुदाय के लोग समुदाय के धर्मगुरु संत सैमुअल के आश्रम जा रहे थे। उसी वक्त तीन वाहनों से आए अज्ञात हमलावरों ने उनके वाहन रोक लिये। जब तक लोग कुछ समझ पाते आतंकियों ने गोलियां बरसानी शुरू कर दीं।
सुरक्षाकर्मियों ने हमलावरों की तलाश में अभियान छेड़ दिया है। गश्त बढ़ाने के साथ जगह-जगह नाके लगाए गए हैं। यह कोई पहला मौका नहीं जब ईसाई समुदाय को निशाना बनाया गया है। दिसंबर में भी समुदाय पर सिलसिलेवार हमले किए गए थे।
इनमें समुदाय के 70 लोगों की हत्या कर दी गई थी। मिस्र की कुल आबादी में ईसाइयों की दस फीसद हिस्सेदारी है। देश में उथल-पुथल शुरू होने के बाद से ही इस समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है।
एकता की अपील
अल्पसंख्यक समुदाय पर हमले के बाद मिस्र में एकता बनाए रखने की अपील की गई है। एक हजार साल पुराने इस्लामिक अध्ययन केंद्र अल-अजहर के प्रमुख अहमद अल-तैयब ने लोगों से एकता और सौहार्द बनाने का आह्वान किया है। जर्मनी की यात्रा पर गए अहमद ने कहा कि आतंकी हमले के बाद मिस्र की जनता को एक होकर रहने की जरूरत है। हमला देश को बांटने के लिए किया गया है।