अब झारखंड को भी बनाया जायेगा शराबमुक्त राज्य
रांची : बिहार में शराबबंदी का कानून लागू करने के बाद वहां के मुख्यमंत्री भले ही सार्वजनिक मंचों से झारखंड सरकार पर शराब पर प्रतिबंध नहीं लगाने का राजनीतिक आरोप लगाते रहे हों, लेकिन बिहार के पड़ोसी राज्य में सामाजिक तौर पर सूबे को शराब से मुक्त करने का बिगुल बजा दिया गया है. राज्य में व्याप्त इस सामाजिक बुराई को समाप्त करने के लिए आगामी चार जून से यहां पर सक्रिय रूप से समाज के निचले स्तर तक अपनी पैठ बना चुकी लोक समिति हजारीबाग से झारखंड शराबमुक्त अभियान की शुरुआत करेगी.
बताया जा रहा है कि झारखंड को शराबमुक्त राज्य बनाने के लिए यहां पर कार्य कर रही प्रदेश लोक समिति आगामी चार जून से अभियान की शुरुआत करेगी. यह अभियान हजारीबाग से शुरू होगी, जिसे प्रदेश के अन्य जिलों में भी आयोजित किया जायेगा. बताया यह भी जा रहा है कि राज्य के सभी 24 जिलों में शराबमुक्त अभियान चलाने के बाद समिति आगामी 13 जून रांची में अपने इस अभियान का समापन करेगी.
समिति के प्रदेश अध्यक्ष गिरिजा सतीश ने बताया कि यात्रा के दौरान विभिन्न जिले के आयोजित कार्यक्रमों में नुक्कड़ नाटक, विचार गोष्ठी और सम्मेलन आदि का आयोजन कर लोगों को जागरूक किया जायेगा. उन्होंने कहा कि समिति ने झारखंड को शराब मुक्त बनाने के लिए जनवरी से ही पूरे प्रदेश में अभियान चला रही है. इस अभियान के दौरान रांची में सम्मेलन और आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित की गयी थी.
झारखंड को शराबमुक्त अभियान चलाने के बारे में मंगलवार को लिये गये फैसले की जानकारी देते हुए समिति के अध्यक्ष गिरिजा सतीश ने बताया कि शराब से समाज को नुकसान हो रहा है. इससे युवा पीढ़ी भटक रही है. शराब से जितना आय होती है, उसकी तुलना में खर्च ज्यादा हो रहा है. शराब पीकर वाहन चलाने से सड़क दुर्घटनाएं अधिक होती है. समिति ने राज्य में पूर्ण रूप से शराब बंदी करने की मांग की है.