कुख्यात नक्सली कुंदन पाहन ने किया सरेंडर, सिर पर था 15 लाख का इनाम
रांची : नक्सली कुंदन पाहन ने रांची पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया है. रांची पुलिस के लिए यह बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है. छह साल पहले संगठन ने उसे निष्कासित कर दिया था. संगठन से निकाले जाने के वक्त वह जोनल कमांडर था.
तब सरकार ने उस पर 15 लाख के इनाम की घोषणा की थी, जिसके बाद से वह रांची के बुंडू व खूंटी के अड़की इलाके में अपने एक-दो साथियों के साथ इधर-उधर घूम रहा था. हालांकि, कुंदन पाहन के सरेंडर करने की आधिकारिक पुष्टि रांची पुलिस या पुलिस मुख्यालय ने नहीं की है. पर खुफिया सूत्रों ने इसकी पुष्टि कर दी है. माना जा रहा है कि नकुल यादव की तरह ही कुंदन पाहन को भी पुलिस अगले कुछ दिनों में सामने लायेगी.
कई बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया : कुंदन पाहन का नाम तब सबसे पहले चर्चा में आया था, जब 21 मई 2008 में उसने रांची-टाटा रोड पर तैमारा घाटी के पास बैंक के कैश वैन से पांच करोड़ रुपये नकद और डेढ़ किलो सोना लूट लिया था.
इस घटना के बाद कुंदन पाहन ने ताबड़तोड़ कई बड़ी वारदातों को अंजाम दिया और झारखंड का मोस्टवांटेड नक्सली बन गया था. नक्सली कुंदन पाहन के दस्ते ने 30 जून 2008 को बुंडू थाना क्षेत्र में लैंड माइन विस्फोट कर डीएसपी प्रमोद कुमार समेत छह पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी. फिर आठ जुलाई 2008 को बुंडू थाना से दो किमी की दूरी पर स्थित स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में बुंडू के विधायक रमेश सिंह मुंडा समेत चार पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी. छह अक्टूबर 2009 को उसने स्पेशल ब्रांच के इंस्पेक्टर फ्रांसिस इंदवार का अड़की से अपहरण कर लिया था. अपहरण के दो दिन बाद उसने इंस्पेक्टर की हत्या कर शव को रांची-टाटा रोड पर फेंक दिया था.