दिग्विजय की गोवा-कर्नाटक के प्रभारी पद से छुट्टी
नई दिल्ली: कांग्रेस आलाकमान ने दिग्विजय सिंह के सियासी कद में कटौती करते हुए उन्हें गोवा और कर्नाटक के पार्टी प्रभारी पद से हटा दिया है. गौरतलब है कि सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद गोवा में कांग्रेस सरकार नहीं बना पायी है. माना जा रहा है कि दिग्विजय सिंह पर गोवा की ही गाज गिरी है.
सियासत की मुश्किल घड़ियों में भी मुस्करानेवाले दिग्विजय सिंह ने गोवा और कर्नाटक के प्रभारी पद से हटाये जाने के बाद जो प्रतिक्रिया दी है, उसकी शुरूआत काफी दिलचस्प है. दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘’मैं इस बात से खुश हूं कि आखिरकार राहुल जी ने नई टीम चुन ली. मैं पार्टी और नेहरू गांधी परिवार के प्रति वफादार रहा हूं और उन लोगों ने मुझे जिम्मेदारी दी है, उसके लिए मैं उनका आभारी हूं.’’
विधानसभा चुनाव में गोवा की 40 सीटों पर कांग्रेस 17 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी, लेकिन सरकार बनाने में सफल रही बीजेपी जिसे 13 सीटों पर जीत मिली थी. दिग्विजय सिंह के इस रुख से नाराज गोवा के कई कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया था कि उन्हीं की वजह से कांग्रेस गोवा में सरकार नहीं बना पायी. खास बात है कि दिग्विजय सिंह का विरोध अब उनके गृह राज्य मध्यप्रदेश में भी शुरू हो गया है.
कांग्रेस नेता सत्यव्रत चतुर्वेदी ने कहा है, ‘’कांग्रेस ज्योतिरादित्य सिंधिया को सीएम का चेहरा घोषित करें और दिग्विजय सिंह को तमिलनाडू भेजे और वह अब एमपी के प्रण छोडें.’’ इधर एमपी में दिग्वजिय सिंह के खिलाफ इस तरह के बोल सामने आ रहे हैं, दूसरी तरफ कांग्रेस आलाकमान ने उन्हें कर्नाटक के प्रभारी पद से भी हटा दिया है. कर्नाटक में इसी साल विधानसभा चुनाव होनेवाले हैं.