जीएसटी से देश की अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती: डॉ. रमन सिंह
रायपुर:मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि माल एवं सेवाकर (जीएसटी) विधेयक राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। यह विधेयक राज्य और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत देगा। यह भारत में आर्थिक क्रांति की दिशा में एक बड़ा कदम है। मुख्यमंत्री ने आज दोपहर यहां विधानसभा में जीएसटी विधेयक पर सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए इस आशय के विचार व्यक्त किए। सदन में यह विधेयक वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री अमर अग्रवाल ने प्रस्तुत या। पक्ष-विपक्ष में चर्चा के बाद इसे ध्वनि मत से पारित कर दिया गया।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा-प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने टीम इंडिया और सहकारी संघवाद की नयी अवधारणा देश को दी है। उनकी उसी भावना के अनुरूप जीएसटी विधेयक कानून बनकर ‘एक राष्ट्र-एक टैक्स-एक बाजार’ की परिकल्पना को साकार करेगा। यह विधेयक सहकारी संघवाद के लिए अदभुत वरदान साबित होगा, जो टीम इंडिया की भावना से प्रेरित होगा।
डॉ. रमन सिंह ने कहा- चाणक्य ने सोलह महा जनपदों में बंटे भारत को एकजुट करने की जरूरत बतायी थी, ताकि देश को शक्ति-शाली बनाया जा सके। आजादी के बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल ने 562 देशी रियाशतों को भारत संघ में मिलाकर एकीकरण की मिशाल कायम की थी। भारतीय संविधान के भाग 13 में भी सम्पूर्ण भारत को एक बाजार बनाने की मंशा जाहिर की गयी थी, लेकिन एक लम्बे समय तक हम इस विषय को आगे नहीं बढ़ा सके थे। दुनिया की बात करें, तो फ्रांस में 1954 से जीएसटी लागू है और दुनिया के 160 देशों में जीएसटी या इसके समान व्यवस्था प्रचलित है। कनाडा, यू.के. आदि देशों में आर्थिक क्रांति का मुख्य कारण जीएसटी बना था। भारत में वर्ष 2002 मंे तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने राज्यों की सशक्त कमेटी बनाकर अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में सुधार के लिए वेल्यूऐडेड टैक्स (वेट) की बुनियाद रखी थी। वर्ष 2005 में वेट की व्यवस्था लागू की गयी। इस बीच वर्ष 2004 में केलकर समिति का गठन किया गया, जिसने उसी वर्ष जीएसटी की अनुशंसा की और तब से जीएसटी लागू करने के लिए चर्चाआंे का दौर शुरू हुआ।
मुख्यमंत्री ने कहा- सभी राज्यों में जीएसटी विधेयक पारित करने का सिलसिला चल रहा है। आज छत्तीसगढ़ विधानसभा ने इसमें अपना ऐतिहासिक योगदान दिया है। जीएसटी लागू होने से हमारे देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। इसके अलावा राज्य और देश की विकास दर को भी बढ़ावा मिलेगा। जीएसटी प्रणाली एक जुलाई 2017 से लागू होगी। हमारे देश के लोकतंत्र के लिए यह एक नया अनुभव है, जब केन्द्र और राज्यों की सरकारे परस्पर साझी संप्रभुता के सिद्धांत पर एक साथ कर एकत्रित करेंगे। डॉ. रमन सिंह ने कहा-भारतीय संविधान में संशोधन कर इसके लिए जीएसटी कौंसिल का गठन कर, इस दिशा में कार्य शुरू किया जा चुका है। जीएसटी काैंसिल में केन्द्र सरकार के अलावा सभी 29 राज्यों और दो संघ प्रशासित क्षेत्रों के प्रतिनिधि शामिल है। जीएसटी वर्तमान में राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को मिलाकर 32 कर क्षेत्रों में एकीकरण का विषय है। हम इसके माध्यम से चाणक्य की कल्पना को पूरा कर सकते हैं और अपने गौरवशाली अतीत से जुड़ सकते हैं।
मुख्यमंत्री कहा- जीएसटी कौंसिल ने टीम इंडिया की भावना के अनुरूप कार्य करना शुरू कर दिया है। कौंसिल की अभी तक की सभी बैठकों में सर्वसम्मति से निर्णय लिए गए हैं। जीएसटी लागू होने पर कई फायदे होंगे। देश की अर्थव्यवस्था में सड़कों पर माल परिवहन की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होती है, लेकिन वर्तमान में विभिन्न जांच चौकियों में ट्रकों को लम्बी कतार लगाकर फार्म भरने, दस्तावेज दिखाने, शुल्क पटाने आदि में काफी समय लगता है। जीएसटी लागू होने पर समय की बचत होगी और माल परिवहन में तेजी आएगी।
डॉ. रमन सिंह ने कहा- वर्तमान में देश में आठ प्रकार के केन्द्रीय टैक्स लागू हैं, जिनमें एक्साईज ड्यूटी, सर्विस टैक्स, सरचार्ज, शेष आदि शामिल हैं। इसी तरह राज्य सरकार के भी आठ प्रकार के टैक्स लागू हैं। जैसे वेट, सीएसटी, एण्ट्री टैक्स, मनोरंजन टैक्स आदि। इन सब 16 प्रकार के करों का एकीकरण करते हुए जीएसटी अर्थात गुड्स एवं सर्विस टैक्स लागू किया जाएगा। जीएसटी के जरिए देश भर में अप्रत्यक्ष करों में समानता लायी गई है। भारत में एक सामान राष्ट्रीय बाजार विकसित होगा, जिससे विदेश निवेश और मेक-इन-इंडिया को भी बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा- जीएसटी लागू होने के बाद राज्य को पांच वर्षों तक प्रति वर्ष राजस्व वृद्धि की दर 14 प्रतिशत मानकर क्षतिपूर्ति की जाएगी। इससे छत्तीसगढ़ राज्य को अगले पांच साल तक 14 प्रतिशत की बढ़ी हुई दर पर राजस्व मिलना सुनिश्चित है। सभी राज्यों में एक समान कर प्रणाली लागू होने पर व्यवसायियों को कर निर्धारण संबंधी जटिल प्रक्रियाओं से मुक्ति मिलेगी। कर प्रणाली का सरलीकरण होगा। विशेषज्ञों की राय के अनुसार इसके फलस्वरूप जीडीपी में 2 से 3 प्रतिशत वृद्धि होने की भी संभावना है।