पटना जिला, छपरा ननि और बारसोई नपं में नामांकन 29 से, चार जून को मतदान

पटना जिला, छपरा ननि और बारसोई नपं में नामांकन 29 से, चार जून को मतदान
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पटना : प्रदेश में नगर निकाय चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने बुधवार को अधिसूचना जारी कर दी. बेगूसराय व अरवल जिले को छोड़ कर बुधवार  को सूचना के प्रकाशन के साथ ही 101 स्थानीय निकायों के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गयी. 27 अप्रैल तक नामांकन होगा. इसके साथ ही प्रदेश में आदर्श आचार संहिता भी प्रभावी हो गया है.  जिन क्षेत्रों में नामांकन का काम शुरू हुआ, वहां 21 मई को मतदान और 23 मई को मतों की गिनती होगी. इसके अलावा पटना जिला, सारण जिले के छपरा नगर निगम और कटिहार के बारसोई नगर पंचायत के लिए 29 अप्रैल को सूचना का प्रकाशन किया जायेगा.
29 अप्रैल से नौ मई तक नामांकन होगा. इन जगहों पर चार जून को मतदान और छह जून को मतगणना होगी. पटना जिले के पटना नगर निगम, बाढ़, खगौल, दानापुर, मोकामा, मसौढ़ी, फुलवारीशरीफ व बख्तियारपुर नगर परिषद और मनेर नगर पंचायत के अलावा छपरा नगर निगम व कटिहार के बारसोई नगर पंचायत में
अलग से चुनाव होगा. राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव दुर्गेश नंदन ने जिलाधिकारियों को तय कार्यक्रम के अनुसार चुनाव प्रक्रिया पूरी कराने के लिए तैयारी करने का निर्देश दिया है.
नगर पंचायत में 10, नगर परिषद में 20 व निगम में अधिकतम खर्च कर सकेंगे 40 हजार : नगरपालिका चुनाव में प्रत्याशियों के चुनावी खर्च की सीमा राज्य निर्वाचन आयोग ने जारी कर दिया है. आयोग की अधिसूचना के मुताबिक नगर पंचायत के प्रत्याशियों के लिए 10 हजार, नगर परिषद के प्रत्याशियों के लिए 20 हजार तो नगर निगम के प्रत्याशियों के लिए अधिकतम चुनावी खर्च की सीमा को 40 हजार तय किया गया है.
राज्य निर्वाचन आयोग के मुताबिक कोई भी प्रत्याशी निर्धारित चुनावी खर्च की सीमा के अंदर खर्च नहीं करता है, तो उसे तीन वर्षों के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित किया जा सकता है. हर प्रत्याशी को निर्वाचन परिणाम की घोषणा की अवधि में खुद या उसके इलेक्शन एजेंट द्वारा सभी खर्च का लेखा अलग से रखना होगा.  निर्वाची पदाधिकारी द्वारा हर प्रत्याशी को नामांकन के तुरंत बाद अपने दिन प्रतिदिन के खर्चे का लेखा रखने के लिए एक पंजी दी जायेगी. प्रत्याशी को रह पांचवें दिन आरओ को चुनावी खर्च प्रस्तुत करना होगा. आयोग द्वारा नियुक्त किये गये आब्जर्वर द्वारा हर प्रत्याशी, उसके समर्थक या इलेक्शन एजेंट द्वारा किये गये खर्च की जांच की जायेगी. प्रत्याशियों को चुनाव परिणाम घोषित होने के 30 दिनों के अंदर इसे प्रस्तुत करना होगा.
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