अमेरिका ने अफगानिस्तान पर गिराया सबसे बड़ा बम
नई दिल्ली : अमेरिकी सेना ने गुरुवार को अफगानिस्तान में अपना सबसे बड़ा गैर परमाणु बम गिराया। उसके निशाने पर नानगरहार प्रांत के अचिंन जिले में स्थित आईएस की सुरगें थीं। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने यह जानकारी दी है। यह पहला मौका है जब अमेरिका ने इस बम का इस्तेमाल किया और सबसे बड़ा हमल किया है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्होंने अफगानिस्तान में बम गिराए जाने की अनुमति दी थी और इस अभियान को अत्यंत सफल करार दिया। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में कहा, यह वास्तव में एक सफल अभियान रहा। हमें हमारी सेना पर गर्व है।
ट्रंप ने कहा, मुक्षे नहीं पता कि इससे उत्तर कोरिया को संदेश मिलता है या नहीं। इससे कोई अंतर नहीं पड़ता। उत्तर कोरिया एक समस्या है। इस समस्या का समाधान निकाला जाएगाा। इस मिशन की जानकारी रखने वाले चार अमेरिकी सैन्य अधिकारियों ने बताया कि सेना ने अफगानिस्तान में सबसे बड़ा बम गिराया है। उन्होंने आगे कहा, मैंने सत्ता में आते ही कहा था कि, अमेरिका आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा।
सूत्रों ने बताया कि जीबीयू-43/बी मैसिव ऑर्डिनेंस एयर ब्लास्ट बम गुरुवार को स्थानीय समयानुसार शाम साढ़े सात बजे गिराया गया। इस बम का निकनेम मॉब (एमओएबी) भी है। इसे ‘मदर ऑफ ऑल बम’ भी कहा जाता है। इसका वजन 21600 पाउंड है और यह जीपीएस से निर्देशित है। यह बम अमेरिका का शक्तिशाली गैर परमाणु बम है।
सैन्य सूत्रों ने बताया कि इस बम को एयर फोर्स स्पेशल ऑपरेशन कमांड ने एमसी-130 विमान से गिराया। उन्होंने बताया कि हमला नानगरहार प्रांत में मौजूद इस्लामिक स्टेट (आईएस) की सुरंगें और आतंकी थे। सेना हमले से आतंकी गुट को हो रहे नुकसान का आकलन कर रही है। अफगानिस्तान में अमेरिकी बलों के कमांडर जनरल जॉन निकोलसन ने इस बम के इस्तेमाल को मंजूरी दी। इस बम को इराक युद्ध के तैयार किया गया था।
निकोलसन ने एक बयान में कहा कि यह इस तरह किया गया जिससे इलाके में मौजूद अफगान और अमेरिकी बलों को नुकसान नहीं हो और आईएस के लड़ाकों को खत्म किया जा सके। इस इलाके में अफगान और अमेरिकी बलों को अपना अभियान चलाने में मुश्किलों को सामना करना पड़ता है क्योंकि आईएस अपने बचाव के लिए आईईडी, बंकर और गुफाओं का प्रयोग करते हैं। शनिवार को नानगरहार में आईएस के खिलाफ कार्रवाई के दौरान एक अमेरिकी सैनिक की मौत हो गई थी।