बच्चों के शारीरिक मानसिक विकास के लिये खेल जरूरी : मुख्यमंत्री

बच्चों के शारीरिक मानसिक विकास के लिये खेल जरूरी : मुख्यमंत्री
Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

भोपाल :मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि व्यक्तित्व के संपूर्ण विकास के लिए पढ़ने के साथ खेलना भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए खेल अत्यंत जरूरी है। श्री चौहान आज मुख्यमंत्री निवास में विद्या भारती मध्य भारत प्रांत द्वारा संचालित शिक्षण संस्थाओं की खेल प्रतिभाओं को संबोधित कर रहे थे। श्री चौहान ने कहा कि राष्ट्र के पुनर्निर्माण के प्रकल्पों में सहयोग करना सरकार का कर्त्तव्य है। समाज के ऐसे हर प्रयास को सरकार का सहयोग मिलेगा। विद्याभारती सीमित संसाधनों में भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कारों के निर्माण का कार्य कर रही है। संस्था के प्रयासों में सरकार का पूरा सहयोग रहेगा। स्कूल शिक्षा विभाग के साथ इसकी रूपरेखा तैयार होगी। उन्होंने कहा कि भारत का भविष्य बच्चों में है।

उन्होंने मुख्यमंत्री मेधावी छात्र प्रोत्साहन योजना की जानकारी देते हुए कहा कि बारहवीं में 75 प्रतिशत से अधिक अंक पाने वाले विद्यार्थी इसके पात्र होंगे। उनके पालकों की आय 6 लाख रूपये वार्षिक से अधिक नहीं होना चाहिए। ऐसे विद्यार्थियों का शासकीय, मेडिकल, इंजीनियरिंग, प्रबंधन, विधि और निजी क्षेत्र के चिन्हित इंजीनियरिंग, मेडिकल कॉलेज और अन्य शिक्षण संस्थान में प्रवेश होने पर उनकी फीस राज्य सरकार भरेगी। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण समय की जरूरत है। नर्मदा सेवा यात्रा नदी संरक्षण का अनुष्ठान है। आगामी दो जुलाई को नर्मदा के दोनों तट पर पौधरोपण किया जायेगा। इस दिन पौधे लगाकर इस अनुष्ठान में सहयोग के लिए उन्होंने विद्या भारती से अनुरोध किया।

श्री चौहान ने चैत्र-नवरात्र और नववर्ष की शुभकामनाएँ दी और कार्यक्रम में मौजूद लोगों का आव्हान किया कि वे बेटियों के मान-सम्मान के प्रति संकल्पित हो। उनके प्रति शुद्ध और पवित्र दृष्टि रखें। बेटियों के प्रति सम्मान के भाव को प्रगट करते हुए उन्होंने बताया कि नर्मदा यात्रा के प्रारम्भ में कन्या के चरण धोकर, उसके जल को मस्तक से लगाते हैं। इससे उनमें नई शक्ति और ऊर्जा भर जाती हैं। महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए शिक्षा विभाग में 50 तथा शेष विभाग (वन छोड़कर) में 33 प्रतिशत पद महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। श्री चौहान ने स्वच्छता अभियान के प्रति संकल्पित होने का आव्हान किया तथा पदक विजेताओं को शुभकामनाएँ दी। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री को श्री भागीरथ कुमरावत ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में हिन्दी भाषा की पाठ्य-पुस्तकों की भूमिका पर किया गया शोध-प्रबंध भेंट किया।

स्कूल शिक्षा मंत्री श्री कुँवर विजय शाह ने कहा कि शिक्षकों की विद्यालय में उपस्थिति को सुनिश्चित करने के लिए नियंत्रण प्रकोष्ठ बनाया गया है। इसका दूरभाष क्रमांक सभी एक लाख 18 हजार शासकीय शाला में अंकित रहेगा। शाला में उपस्थित नहीं होने वाले शिक्षक की जानकारी कोई भी प्रकोष्ठ को दे सकेगा। नियंत्रण प्रकोष्ठ मोबाइल फोन के माध्यम से शिक्षक की उपस्थिति की जानकारी लेगा। स्कूल शिक्षा विभाग के कार्यक्रमों में अतिथियों का स्वागत अब फूल-माला और पुष्प-गुच्छ से नहीं बल्कि उनका अभिनंदन पुस्तकें भेंटकर किया जायेगा।

विद्या भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. गोविन्द प्रसाद शर्मा ने बताया कि विद्यालय के विद्यार्थी सभी बोर्ड की परीक्षाओं में प्रावीण्य-सूची में आए हैं। शिक्षा की गुणवत्ता संस्थान की पहचान है। स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय सचिव श्री राजेश मिश्रा ने बताया कि दो अप्रैल से एशियन स्कूल गेम्स हॉकी प्रतियोगिता होगी। फेडरेशन राष्ट्रीय प्रतियोगिता के आयोजन और खेल प्रतिभाओं के प्रोत्साहन के लिए विद्या भारती को सम्मानित करेगी। इस अवसर पर राष्ट्रीय सह-संगठन मंत्री श्रीराम अरावकर भी उपस्थित थे।

स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के सह सचिव श्री मुक्तेश सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय शालेय खेलकूद प्रतियोगिताओं में विद्या भारती ने देशभर में 180 से अधिक पदक प्राप्त कर कीर्तिमान स्थापित किया है। इसमें मध्यप्रदेश के 16 जिलों ने सहभागिता करते हुए स्वर्ण-17, रजत-28, कांस्य-57 कुल 102 पदक प्राप्त किए है। इस वर्ष 305 छात्र एवं 129 छात्राओं सहित कुल 434 खिलाड़ियों ने प्रतियोगिताओं में सहभागिता की।

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

watchm7j

Leave a Reply

Your email address will not be published.