अब आईटी रिटर्न दाखिल करने के लिए ज़रूरी होगा ‘आधार’

अब आईटी रिटर्न दाखिल करने के लिए ज़रूरी होगा ‘आधार’
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नई दिल्ली: सरकार ने कालाधन के खिलाफ अभियान जारी रखते हुए एक महत्वपूर्ण संशोधन में पैन के लिये आवेदन तथा आयकर रिटर्न भरते समय एक जुलाई से आधार संख्या के उल्लेख को अनिवार्य किया जाना अनिवार्य कर दिया है. इसके साथ ही एक अप्रैल से नकद लेनदेन की सीमा कम कर 2 लाख रुपये करने, आयकर रिटर्न भरने के लिये आधार का जिक्र अनिवार्य करने तथा काले धन के खिलाफ अभियान जारी रखते हुए निर्वाचन ट्रस्ट में केवल चैक के जरिये ही चंदा दिये जाने की व्यवस्था किए जाने का मंगलवार (21 मार्च) को प्रस्ताव किया.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पहली फरवरी को पेश वित्त विधेयक 2017 में मंगलवार को 40 संशोधन के प्रस्ताव किये जो एक ‘अभूतपूर्व’ बात है. संशोधन प्रस्तावों की इतनी अधिक संख्या का विपक्षी आरएसपी, तृणमूल कांग्रेस और बीजद की अगुवाई में विपक्षी दलों ने पुरजोर विरोध किया.

विपक्षी सदस्यों ने इसे गैर कर विधेयकों को ‘पिछले दरवाजे से’ धन विधेयक के रूप में पारित करने की सरकार की चाल बताया. उनका कहना था कि इस तरह सरकार गैर कर विधेयकों पर राज्य सभा की स्वीकृति लेने की जरूरत खत्म करना चाहती है जहां सत्तारूढ गठबंधन को बहुमत नहीं हैं.

 नकद लेनदेन की सीमा 2 लाख रुपये:
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने विपक्षी दलों की आपत्तियों को खारिज करते हुए व्यवस्था दी कि संशोधनों से संबंधित ‘आकस्मिक प्रावधानों’ को धन विधेयक के रूप में वित्त विधेयक का हिस्सा माना जा सकता है. वित्त विधेयक में जो संशोधन हैं उनमें सबसे महत्वपूर्ण नकद लेनदेन की सीमा 2 लाख रुपये करने का प्रावधान है.

गत एक फरवरी को बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यह सीमा एक अप्रैल के प्रभाव से 3 लाख रुपये करने का प्रस्ताव रखा था. संशोधन पेश किये जाने के बाद राजस्व सचिव हंसमुख अधिया ने एक ट्वीट किया कि प्रावधान का उल्लंघन होने पर इतनी ही राशि का जुर्माना वसूला जाएगा. जुर्माना उस व्यक्ति या इकाई से वसूला जाएगा जो नकद प्राप्त करेंगे.

कंपनी कानून में संशोधन:
कंपनी कानून, 2013 में भी संशोधन किया गया. इसके तहत कंपनियों द्वारा निर्वाचन ट्रस्ट को चंदा केवल खातों में चैक, बैंक ड्राफ्ट या इलेक्ट्रॉनिक अंतरण के जरिये ही किये जाने का प्रस्ताव किया गया है. यह कदम जेटली के बजट प्रस्ताव के अनुरूप है जिसमें निर्वाचन बांड की बात कही गयी है. इसे चंदा देने वाले चैक देकर अनुसूचित बैंक से खरीद सकते हैं और इसे केवल अधिसूचित बैंक में राजनीति दल के खाते में ही भुनाया जा सकता है. जेटली ने कहा कि इस कदम का मकसद राजनीतिक चंदे को स्वच्छ करना है.

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