रायपुर | आयकर छापों के खिलाफ व्यापारी आज रायपुर बंद रखेंगे. छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के निर्णयानुसार मंगलवार को राजधानी रायपुर में व्यापारी बंद रखेंगे. उसके बाद कल याने बुधवार को छत्तीसगढ़ बंद का आव्हान् किया गया है. छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज ने पूरे छत्तीसगढ़ में प्रतिदिन डाले जा रहे आयकर छापों तथा सर्वे के खिलाफ यह निर्णय लिया है.
व्यापारियों का आरोप है कि उनके परिसर में आयकर विभाग के अधिकारी 24 घंटे तक अनेक दिनों तक रूककर सर्वे सर्च कर रहे है. अनेक व्यापारियों में इतनी क्षमता नहीं होती है कि इतने समय तक रूक सकें. बारंबार उन्हें एफआईआर करवा कर जेल भिजवाने की धमकी दी जाती है. इसलिये इन हालातों में व्यापार नहीं किया जा सकता है.
बंद के समय चिल्हर मेडिकल स्टोर्स एवं थोक दवा बाजार भी बंद रहेगा. मंगलवार 21 मार्च को पेट्रोल पंप सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक बंद रहेंगे. परंतु कल बुधवार 22 मार्च को छत्तीसगढ़ बंद के समय दिन भर बंद रहेंगे. कच्ची सब्जी, दूध एवं स्कूल, कालेज शैक्षणिक संस्थाओं को बंद से मुक्त रखा गया है.
मंगलवार को उऩका एक प्रतिनिधि मंडल मुख्य आयकर आयुक्त से मिलकर ज्ञापन देगा. यदि उन्होंने कार्यवाही बंद करने के लिये सहमति नहीं दी तो व्यापारी अनिश्चितकालीन बंद का निर्णय लेते हुए अपने प्रतिष्ठानों की चाबियां महामहिम राज्यपाल को सौंप देने का निर्णय ले सकते है. उसके बाद भी यदि छापे नहीं रूके तो अनिश्चितकालीन बंद करके चाबियां राज्यपाल को सौंप दिया जायेगा.
छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज की बैठक में व्यापारियों ने कहा कि नोटबंदी के समय केन्द्र शासन का उद्देश्य समाज के बड़े-बड़े लोगों से कालाधन निकलवाना था. पिछले दिनों उत्तर प्रदेश चुनाव प्रचार के समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह कहा था कि उनका लक्ष्य छोटे व गरीब व्यापारी नहीं है वरन् बड़े-बड़े बाबू एवं लोग भी है.
उन्होंने कर्नाटक के एक मंत्री से एक सौ पचास करो़ड़ रूपये जब्ती का उदाहरण भी दिया था. परंतु छत्तीसगढ़ में उल्टा हो रहा है छोटे, मंझोले व्यापारियों को आयकर विभाग परेशान कर रहा है. पूरे प्रदेश में उनके उपर प्रतिदिन सर्वे एंव सर्च किये जा रहे है. शासकीय अधिकारियों एवं समाज के अन्य वर्गों पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है. चेंबर के अऩुसार नोटबंदी का पूरा लक्ष्य व्यापारियों को बना दिया गया है.
चेंबर की बैठक में व्यापारियों ने कहा कि व्यापार बहुत संवेदनशील होता है. आयकर विभाग के नित्य दबाव की वजह से यह महीनों से प्रभावित है. भय के वातावरण की वजह से हम व्यापार नहीं कर पा रहे है. कोई भी दूध का धुला नहीं है. विभाग दबाव की स्थिति न बनायें.
चेंबर का कहना है कि नोटबंदी के समय बैंकों में जो राशि व्यापारियों ने जमा की है उसका उसके खातों से मिलान कर लें. मिलान होने के बावजूद दबाव डालकर घोषित राशि को अघोषित बताकर स्वीकार करवाया जा रहा है. दो नोटिस दिये जाने की घोषणा मुख्य आयकर आयुक्त ने चेम्बर बैठक में की थी.
यदि एक नोटिस के प्रत्युत्तर से आयकर विभाग संतुष्ट नहीं होगा तो दूसरा नोटिस देकर भी अवसर दिया जायेगा. जबकि दूसरा नोटिस जारी न करते हुए सीधे व्यापारिक परिसर में जाकर जांच की जा रही है. चेंबर का कहना है कि एैसा लग रहा है कि प्रदेश के आधे व्यापारी आयकर विभाग के सर्वे के लक्ष्य में है.