राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी, अापसी सहमति से निकालें हल
नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राम मंदिर पर अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर दोनों पक्षों को आपसी सहमति से मामला सुलझाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राम मंदिर का मामला धर्म और आस्था से जुड़ा है। इस मामले में कोर्ट की टिप्प्णी के बारे में जानकारी देते हुए याचिकाकर्ता सुब्रमण्यम स्वामी ने बताया कि चीफ जस्टिस ने कहा कि जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट के जज इस मामले में मध्यस्थता को तैयार हैं। कोर्ट ने दोनों पक्षों को बातचीत के लिए अगले शुक्रवार तक का समय दिया है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
अदालत ने अयोध्या मामले पर आउट ऑफ कोर्ट सेटलमेंट की बात क्यों कही। इसपर विशेषज्ञाें का मानना हैं कि ये धर्म और आस्था से जुड़ा मामला है इसलिए कोर्ट फैसले से पहले आपसी सहमति की कोशिश चाहता है। अदालत का फैसला जमीन के माकिलाना हक को लेकर हो सकता है लेकिन ये आस्था का विषय है। वहीं, राम मंदिर पर आपसी सहमति से हल निकालने को लेकर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का गृह मंत्रालय ने स्वागत किया।